पणजी: गोवा स्थित एक गैर सरकारी संगठन (NGO) ने पुलिस के समक्ष 17 वर्षीय एक दिव्यांग लड़की को व्हीलचेयर के साथ मंदिर में कथित तौर पर प्रवेश नहीं देने को लेकर एक शिकायत दर्ज कराई है। मंदिर प्रशासन ने हालांकि बताया कि मंदिर में व्हीलचेयर ले जाने की कोई सुविधा नहीं है और ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि लड़की को प्रवेश देने से इंकार किया गया।
मुंबई की रहने वाली सनिका केसकर पिछले महीने गोवा प्रवास के दौरान यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर दक्षिण गोवा में पोंडा तालुक के नजदीक मंगुएशी मंदिर गयी। लेकिन उसे मंदिर में कथित तौर पर प्रवेश नहीं करने दिया गया।
लड़की की मां ने मंदिर के एक ट्रस्टी पर मंदिर में व्हीलचेयर नहीं ले जाने देने का आरोप लगाया क्योंकि ‘भीतर वाहनों का प्रवेश निषेध’ था। लड़की की मां द्वारा भेदभाव के खिलाफ एक ऑनलाइन याचिका पोस्ट किए जाने के बाद ‘‘द डिस्एबिलिटी राइट्स एसोसिएशन ऑफ गोवा’’ (डीआरएजी) ने कल दक्षिण गोवा के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई।
संगठन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि मंदिर की कार्रवाई दिव्यांग व्यक्ति के साथ भेदभावपूर्ण थी। संगठन ने दावा किया कि यह दिव्यांग व्यक्ति के अधिकार कानून 2016 के तहत अपराध है।
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