बालासोर (ओडिशा): ओडिशा के बालासोर की इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में 15/16 जुलाई को मेड इन इंडिया 'ध्रुवास्त्र' मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है। जो तस्वीर आप इस खबर में देख रहे हैं, यह तस्वीर 'ध्रुवास्त्र' मिसाइल के परीक्षण की है। अगर आप तस्वीर देखकर इस मिसाइल की ताकत का अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं, तो इस एंटी टैंक मिसाइल के परीक्षण के दौरान का वीडियो भी हमारे पास है, देखिए-
यह 500 मीटर से 7 किलोमीटर तक की रेंज में मौजूद टारगेट को तबाह कर सकती है। बजन में हल्की होने के कारण इसे बॉर्डर या दुश्मन के काफी करीब तक भी ले जाया जा सकता है। इससे टारगेट को तबाह करना आसान हो जाता है। मानकर चलिए कि 'ध्रुवास्त्र' मिसाइल से टारगेट लॉक करो और फिर भूल जाओ। यह अपने टारगेट को ढूंढकर उसे तबाह कर देती है।
मिसाइल की स्पेसिफिकेशन - लंबाई- 1.9 मीटर
- वजन- 45 किलोग्राम
- व्यास (डायामीटर)- 0.16 मीटर
- रफ्तार- 240 मीटर/सेकेंड
- रेंज- 500 मीटर से 7 किलोमीटर
- SSKP- >80%
'ध्रुवास्त्र' मिसाइल, हेलीना (HELINA) हथियार प्रणाली का एक वेरिएंट है, जो भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किया गया है। माना जा रहा है कि 'ध्रुवास्त्र' मिसाइल का इस्तेमाल भारतीय सेना के ध्रुव हेलीकॉप्टर के साथ किया जाएगा। ध्रुव एक अटैक हेलीकॉप्टर है। इस अटैक हेलीकॉप्टर पर खतरनाक 'ध्रुवास्त्र' मिसाइल के जुड़ने से हेलीकॉप्टर की दुश्मन को सबक सिखाने की ताकत और बढ़ जाएगी।
हालांकि, अभी हेलीकॉप्टर के साथ इसका टेस्ट नहीं हुआ है। फिलहाल, बिना हेलीकॉप्टर के ही टेस्ट हुआ है। बता दें कि पहले इस मिसाइल का नाम 'नाग' था, जिसे अब बदलकर 'ध्रुवास्त्र' किया गया है। 'ध्रुवास्त्र' मिसाइल का परीक्षण ऐसे वक्त में हुआ है जब एक तरफ चीन के साथ LAC पर तनाव जारी है और दूसरी तरफ से पाकिस्तान LoC पर लगातार अपनी नापाक हरकतें करने से बाज नहीं आ रहा है।
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