नई दिल्ली : महाशिवरात्रि पर देश भर के शिव मंदिरों में भक्तों भीड़ दिखाई दे रही है। आज सुबह से श्रद्धालु मंदिर पहुंचने लगे। भगवान शिव के दर्शन करने के लिए इतनी भीड़ पहुंच रही है कि मंदिरों के बाहर लंबी कतारें लगी हुई हैं। मुंबई, उज्जैन, वाराणसी में महाशिवरात्रि पर श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करने के लिए मंदिरों पर पहुंच रहे हैं। बता दें कि पंडित और पंचांगों में एकमत न होने के कारण मंगलवार 13 फरवरी व बुधवार 14 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी।
इस बार कुछ अलग है संयोग
मंगलवार की रात 10 बजकर 37 मिनट तक त्रयोदशी तिथी रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी प्रारंभ हो जाएगी। चतुर्दशी तिथि 13 फरवरी को रात10 बजकर 34 मिनिट से शुरु होगी। जो 14 फरवरी को रात 12 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। इस संयोग के कारण ही इस वर्ष महाशिवरात्रि पर्व दो रात्रियों तक रहेगा। शास्त्रों का मत है कि महाशिवरात्रि त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी को मनाई जानी चाहिए। चतुर्दशी तिथि 14 फरवरी को उदया तिथि में हैं। यही वजह है कि इस बार शिवरात्रि की तिथि को लेकर असमंजस है।
पंडितों का कहना है कि शास्त्रों और पुराणों के अनुसार निशीथ व्यापिनी (यानी रात्रि के अष्टम मुहूर्त) फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को श्री महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है इस साल फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी 13 फरवरी को पूर्ण रूप से निश्चित व्यापिनी है जबकि 14 फरवरी को निशीथ काल आंशिक ही व्याप्त है इसलिए यह व्रत 13 फरवरी मंगलवार को ही शुभ माना जाएगा। पंडितों का कहना है कि महाशिवरात्रि के दिन पूजा करने के लिए सबसे पहले मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर, ऊपर से बेलपत्र, धतूरे के पुष्प, चावल आदि डालकर शिवलिंग पर चढ़ायें।
Latest India News