वित्त मंत्री जेटली ने कहा- 'अंतराष्ट्रीय वजहों से रुपये में गिरावट, घबराने की जरूरत नहीं'
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि रुपये में गिरावट वैश्विक कारकों की वजह से है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये की स्थिति बेहतर है।
नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि रुपये में गिरावट वैश्विक कारकों की वजह से है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये की स्थिति बेहतर है। अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में बुधवार को लगातार छठे दिन गिरावट का सिलसिला कायम रहा। रुपया 17 पैसे और टूटकर 71.75 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। पिछले छह कारोबारी सत्रों में रुपया 165 पैसे टूट चुका है।
वित्त मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यदि आप घरेलू आर्थिक स्थिति और वैश्विक स्थिति को देखें, तो इसके पीछे कोई घरेलू कारक नजर नहीं आएगा। इसके पीछे वजह वैश्विक है। मसलन, कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव, व्यापार जंग का तनाव और देश से फंड का अमेरिका जाना। जेटली ने कहा कि गिरावट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था की बुनियादी ताकत से गिरावट को रोकने में मदद मिलेगी।
जेटली ने कहा कि डॉलर लगभग सभी मुद्राओं की तुलना में मजबूत हुआ है। वहीं दूसरी ओर रुपया मजबूत हुआ है या सीमित दायरे में रहा है। उन्होंने कहा कि रुपया कमजोर नहीं हुआ है। यह अन्य मुद्राओं मसलन पाउंड और यूरो की तुलना में मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा, "दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था में इसके लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है।" जेटली यहां केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
अटल पेंशन योजना का विस्तार, सीमा भी बढ़ी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को अटल पेंशन योजना का अनिश्चितकाल तक विस्तार करने का फैसला किया है, जो अगस्त में खत्म हो रहा था। इसके अलावा उम्र सीमा में पांच साल का विस्तार किया गया है तथा दुर्घटना बीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है।
अटल पेंशन योजना (एपीवाई) एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसे सरकार ने 2015 में 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक का पेंशन मुहैया कराने के लिए लांच किया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को बताया कि इस योजना का लक्ष्य घरों को दायरे में लाने की बजाए लोगों को इसके दायरे में लाने पर है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सरकार की इस फ्लैगशिप योजना का लाभ 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने उठाया है।