India TV Exclusive: दिल्ली में बोतल बंद पानी नहीं अब हवा भी खरीदिए, VIDEO में देखें कितनी हानिकारक है दिल्ली की हवा?
दिल्ली के प्रदूषण लेवल को देखते हुए शुद्ध हवा का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है ये ताजी तो नहीं है लेकिन शुद्ध होने का दावा जरूर किया जा रहा है।
नई दिल्ली: दिल्ली में दमघोंटू प्रदूषण के चक्कर में अब शुद्ध हवा की दुकाने खुल गई हैं, हवा भी बिकने लगी है। अगर आप शुद्ध हवा में सांस लेना चाहते हैं तो आपको दिल्ली में साफ और प्योर हवा खरीदनी पड़ेगी। हर सांस की कीमत अदा करनी पड़ेगी और एक सांस की कीमत होगी करीब साढ़े तीन रूपए। अबतक बोतलों में पानी बिकता है अब साफ हवा भी कैन में आ रही है। दिल्ली के प्रदूषण लेवल को देखते हुए शुद्ध हवा का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है ये ताजी तो नहीं है लेकिन शुद्ध होने का दावा जरूर किया जा रहा है।
दिल्ली में हिमालय की साफ हवा बिक रही है। ऑस्ट्रेलिया के ब्लू माउंटेन की हवा कैन में भरकर दिल्ली पहुंचा दी गई है। ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों पर ऐसे अलग अलग ब्रांड की, अलग अलग रेंज की हवा बिक रही है और कीमत पांच सौ लेकर ढाई हजार रुपए तक है। पांच सौ रूपए की हवा के कैन से आप एक सौ साठ बार सांस ले सकते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर हवा से भरे कैन्स को देखने के बाद हमारे चैनल इंडिया टीवी संवाददाता जितेन्द्र शर्मा ने जब इसका मार्केट सर्च किया तो पता लगा कि दिल्ली में हवा के कई कारोबारी हैं। कोई दुकान नहीं है, इन लोगों ने अपने घरों में हवा बेचने वाली कंपनियों के कैन्स स्टॉक कर रखे हैं और ऑनलाइन ऑर्डर पर इन्हें सप्लाई किया जा रहा है।
संवाददाता ने इस ऑस्ट्रेलियन कंपनी के इंडिया हेड से बात की। उन्होंने बताया कि पहले तो शुद्ध हवा के कैन कम बिकते थे लेकिन जब से दिल्ली में पॉल्यूशन का लेवल खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है तब से सेल अचानक कई गुना बढ़ गई है। अब एक दिन में सौ से दो सौ ऑर्डर तक मिल जाते हैं।
वीडियो में आप देख लीजिए कि दिल्ली की हवा कितनी जहरीली है। एयर क्वालिटी एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स की टीम ने दिल्ली एक आर्टिफीशियल लंग बनाया। पहले इसे गंगा राम हॉस्पिटल के बाहर लगाया गया इसमें उतनी ही हवा पंप की गई जितनी हवा एक इंसान एक दिन में सासं के जरिए खींचता है। ये लंग दिल्ली की हवा में सिर्फ पांच दिन में पूरी तरह काला पड़ गया। तीन नवंबर को सफेद लंग लगाया गया था, उम्मीद थी कि महीने भर में वो काला होगा, लेकिन तीन दिन बाद ही वो बदरंग हो चुका था, पांचवे दिन तक वो पूरी तरह काला पड़ गया। अब एक ऐसा ही लंग दिल्ली से गुड़गांव को जोड़ने वाले एमजी रोड पर लगाया गया है। इसे कल रात में लगाया गया और आज ही उसका रंग फीका पड़ गया है, उसमें ब्लैक पैचेज़ बनने लगे हैं।
दिल्ली में हवा की बोतलों की दुकानें खुल जाएं और हवा की बोतलें बिकने भी लगें वाकई चिंता की बात है। सोचिए पांच सौ रूपए की बोतल 160 बार सांस लेने लायक हवा दे सकती है। हम एक मिनट में कम से कम पन्द्रह बार सांस लेते हैं मतलब हर मिनट सांस की कीमत 52 रुपये। हर घंटे की कीमत 3120 रूपए और चौबीस घंटे में करीब 75 हजार रूपए की हवा हम सांस के जरिए लेते हैं लेकिन चूंकि प्रकृति ने हमें साफ हवा मुफ्त में दी है इसलिए हम इसकी कद्र नहीं करते और इसकी कीमत नहीं समझते। उम्मीद है अब आप इसकी कीमत जान गए हैं तो इसका ख्याल भी रखेंगे। हम प्रकृति से हवा लेते हैं तो बदले में पेड़ पौधे लगाकर फिर से गंदी हवा को साफ करने में मदद भी कर सकते हैं। अगर सब लोग दो पेड़ लगाएंगे तो हमारे बच्चों को ऑक्सीजन नहीं खरीदनी पड़ेगी। अगर आज प्रदूषण पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाला कल खराब हो जाएगा।