नई दिल्ली: डीयू में पढ़ने के लिए अधिकतर छात्र बाहर से इसमें दाखिला लेने के लिए आते है। परन्तु यहां आकर उन्हें दाखिले से ज्यादा खाने व रहने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। हॉस्टल की फीस अधिक होने के कारण अधिकतर छात्रों को किराए पर कमरा लेना पड़ता है तथा बाहर ही भोजन करना पड़ता है। किराए पर लिए गए इन कमरों का किराया हर साल बढ़ा दिया जाता है। नॉर्थ कैंपस में दाखिला लेने वाले छात्रों को कमला नगर, नेहरू विहार, गांधी विहार, मुखर्जी नगर और विजय नगर सहित अन्य स्थानों में रहना पड़ता है। इन इलाकों में कमरों का किराया बहुत अधिक होता है लेकिन हॉस्टल में जगह ना मिलने के कारण छात्रों को इन्ही किराए के कमरों में रहना पड़ता है। ये भी पढ़ें: DU Admission 2017: नौ कोर्स के लिए स्नातक में आवेदन प्रक्रिया आज से शुरू
साउथ कैंपस में कॉलेजो के पास के इलाकों में भी बहुत अधिक किराया वसूला जाता है। अधिकतर वह इलाकें जो कॉलेज कैंपस के पास स्थित होते है उन इलाकों में कमरे का किराया सांतवे आसमान पर होता है। खबरों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि डीयू होस्टल की फीस और भी अधिक बढ़ाई जा सकती है। डीयू के हॉस्टल में केवल 3500 छात्रों की क्षमता है जबकि इसमें प्रतिवर्ष 70 हजार से अधिक छात्र दाखिला लेने आते है।
डीयू के पास 100 एकड़ जमीन खाली पड़े होने के बावजूद अभी तक उस पर हॉस्टल बनाने का कोई प्रस्ताव सामने नहीं आया है। छात्रों के रहने के लिए डीडीए फ्लैट खरीदने का प्रस्ताव दिया गया था जिस पर शिक्षक संगठनों द्वारा विरोध किया गया। यही नहीं डीएस कोठारी होस्टल की फीस परास्नातक के छात्रों के लिए बढ़ाई जा चुकी है। इसके अलावा यदि हम भोजन की बात करें तो कुछ कॉलेज मेस का चार्ज भी बढ़ा सकते है।
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