नई दिल्ली: 8 नवंबर को जहां एक झटके में देश में चल रहे 86 प्रतिशत नोट चलन से बाहर कर दिए गए, वहीं भारत की विकास दर पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट दिसंबर 2016 में समाप्त तिमाही के दौरान 7.0 फीसदी रही। उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के बाद GDP ग्रोथ रेट घटने का अनुमान किया जा रहा था।
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मार्च 2017 की तिमाही में GDP ग्रोथ रेट 7.1 फीसदी रहने का अनुमान
- केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) ने मार्च 2017 में समाप्त हो रही तिमाही के दौरान GDP ग्रोथ का अनुमान 7.1 फीसदी बरकरार रखा है।
- CSO के अनुसार, तीसरी तिमाही में GDP 7.0 फीसदी की दर से बढ़ी, जबकि इसके 6.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 8.3 फीसदी की दर से बढ़ा, जबकि अनुमान 7.1 फीसदी का लगाया गया था।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा
GDP ग्रोथ के आंकड़े नकारात्मक अनुमानों को झुठलाते हैं। मैन्युफैक्चरिंग पर कोई नोटबंदी का कोई असर नहीं हुआ और रीमोनेटाइजेशन का काम लगभग पूरा हो चुका है।
GDP के आंकड़े जारी करने से पहले ली गई चुनाव आयोग की अनुमति
- चुनाव आयोग से अनुमति लेने के बाद जीडीपी के आंकड़े जारी किए गए हैं।
- चुनाव आयोग ने कुछ शर्तों के साथ इसकी मंजूरी दी।
- उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की वजह से अभी चुनावी आचार संहिता लागू है।
- CSO के लिए चालू वित्त वर्ष पिछले सालों की तुलना में हटकर रहा है।
- हर साल CSO GDP ग्रोथ के अग्रिम आंकड़े फरवरी के पहले सप्ताह में पेश करता रहा है।
- लेकिन इस साल आम बजट पहली फरवरी को पेश किया गया इसलिए CSO को अग्रिम आंकड़े भी करीब एक महीना पहले जारी करने पड़े।
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