नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के महासचिव सीताराम येचुरी ने गुरुवार को केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को 'काले धन को सफेद करने का अभ्यास' करार दिया और सरकार से नोटबंदी पर श्वेत पत्र के उलट 'श्याम पत्र' जारी करने की मांग की। येचुरी का यह बयान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा अपने सालाना रिपोर्ट में नोटबंदी के बाद 99 फीसदी प्रतिबंधित नोटों के वापस लौट आने की घोषणा के एक दिन बाद आया है।
येचुरी ने कहा, "नोटबंदी के पीछे जो भी उद्देश्य बताए गए थे, वह उन सभी में असफल साबित हुई है। अमूमन हम इस तरह के मुद्दों पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग करते हैं, लेकिन चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह काले धन के खिलाफ लड़ाई है, तो मेरे खयाल से सरकार को इस पर श्याम पत्र जारी करना चाहिए।"येचुरी ने नोटबंदी के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या इसका वास्तविक उद्देश्य बड़े-बड़े उद्योगों के 11 लाख करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ तले दबे बैंकों को डूबने से बचाना था।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा करते हुए कहा था कि काले धन के खिलाफ लड़ाई के तहत 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को प्रतिबंधित किया जा रहा है। आरबीआई ने एक दिन पहले बुधवार को अपनी सालाना रिपोर्ट जारी कर कहा कि नोटबंदी के दौरान देश में प्रचलन में रहे 15.44 लाख करोड़ राशि के पुराने नोटों में से 15.28 लाख करोड़ राशि के पुराने नोट आरबीआई के पास वापस आ चुके हैं।
येचुरी ने कहा, "कथित तौर पर भूटान और नेपाल से और सहकारी बैंकों से बंद कर दिए गए नोटों के आने के बाद 100 फीसदी से भी अधिक नोट वापस आए हैं। इससे साफ-साफ दिखता है कि यह काले धन को सफेद करने की बहुत, बहुत अच्छी योजना थी।"
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