'इश्क' का मारक मजा और सच्चे आशिक की ‘सोनम गुप्ता बेवफा है’ वाला ‘फीलिंग डे’
2016 के बाद से दो लोगों की ही सबसे ज्यादा चर्चा थी पहली नोटों के बंद होने और और तुम्हारी बेवफाई की। एक में मेरे जैसे आम आदमी की जेब में पड़े पुराने नोट कह रहे थे कि ‘जनाब बिना कुछ देर किए मुझे बैंक में जमा कर दो
2016 के बाद से दो लोगों की ही सबसे ज्यादा चर्चा थी पहली नोटों के बंद होने और और तुम्हारी बेवफाई की। एक में मेरे जैसे आम आदमी की जेब में पड़े पुराने नोट कह रहे थे कि ‘जनाब बिना कुछ देर किए मुझे बैंक में जमा कर दो… तो दूसरे में तुम्हारी बेवफाई के किस्से सुनकर हर कोई चाहे वो आम आदमी हो या फिर पांच सितारा होटलों में, हनी सिंह के गाने ‘चार बोतल वोदका काम मेरा रोज..’ का गाने वाला इश्क में डूबा हुआ आशिक हो या फिर अपना फेसबुकिया यार.. सबकी जुबान पर बस एक ही सवाल था ‘सोनम गुप्ता बेवफा है’..!
नोटबंदी के झटके और ‘कालेधन’ की खोज में लगी देश की जनता को तुम्हारी बेवफाई में इतनी रुची जागी की डिजिटल ‘न्यूजमॉल’ के कल्चर में पुराने नोट पर बेवफाई की दास्तान सुपर हिट हो गई। आशिक अगर सच्चा हो ना तो वह काला दिवस और भ्रष्टाचार की बात नहीं करता बल्कि इश्क के बुखार में अपनी खुमारी का दर्द खोजता है और उसी में जीने का मजा लेता है बिल्कुल भारत के गरीब आम आदमी की तरह।
कसम से साल 2016 में तो बाल दिवस मनाने वाले बच्चों ने भी नए गुलाबी नोट को देखकर यहीं पूछा था कि क्या सोनम गुप्ता की लव स्टोरी भी इस गुलाबी नोट की तरह सुपरहिट थी? आखिर वो दिखती कैसी थी? और उसके सच्चे आशिक ने नोटबंदी में बंद कर दिए गए पुराने नोट पर इश्क की इबारत में देवदास को मात देते हुए ‘सोनम गुप्ता बेवफा थी’ क्यों लिखा था? कसम से मोहल्ले के छोटे लड़कों के इस सवाल को सुनकर कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा वाला? सवाल भी जेहन में आता था। सोशल मीडिया में एक तो ‘कटप्पा’ और दूसरा ‘सोनम गुप्ता’ के ‘इश्क’ में डूबे सच्चे आशिक फसाना कुछ ऐसा हिट हुआ कि मोहल्ले के बेवड़े भी सोनम गुप्ता और बंद हुए नोट की कसम देकर ‘ड्राई डे’ मनाने में भी कम आगे नहीं रहे।
तुम तो ना आई लेकिन ये जो 8 नवंबर के खास दिन और रात के 8 बजे वाली जो फीलिंग है ना वो वापस आ गई है। तुम होती तो देखती कि कैसे तुम्हारी याद में आजकल नेताओं के दिल धड़कते हुए “ब्लैकमनी-डे” मनाने को आतुर है, बैंक में बंद नए गुलाबी नोट की कसम इश्क की सोशल दुनिया में तुम्हारी बेवफाई के किस्से उस गुलाबी नोट की तरह हिट हो गए थे। कई सच्चे आशिक तो आज भी तुम्हारी याद में नवंबर के महीने में गुलाबी दिवस मनाने की बात करते हैं, गोया अब इनको कौन समझाए कि बाल दिवस वाले महीने में फरवरी के गुलाबी वाली फीलिंग नहीं लानी चाहिए।
रात 8 बजे नोटबंदी के दौर से निकल देश ‘जीएसटी’ के दौर में पहुंच गया है लेकिन सुना है सच्चा आशिक आज भी अपने ‘इश्क’ के बुखार में ‘देवदास’ हुए जा रहा है और नए गुलाबी नोट पर ‘सोनम गुप्ता बेवफा है’ लिखकर अपनी खोज जारी रखे हुए है। तुम्हारी खोज में कई लड़कियों को ताड़ते हुए पाया गया और झुमरी तलैया तक पहुंच गया जहां उसकी इस ताड़ने वाली घटना के चलते जमकर कुटाई भी हुई। दर्द छलका तो बोला शुक्रगुजार हूं #metoo हैशटैग वाली फीलिंग से बच गया हूं वरना सोशल मीडिया में बड़ी बदनामी होती।
गूगल पर समीक्षकों से पूछा कि सबसे हिट कौन तो बोलते हैं 2015 में ‘कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा’ ? 2016 के नोटबंदी के दौर में ‘सोनम गुप्ता बेवफा है’? और साल 2017 में भक्ति के लूट रूपी श्रृंगार रस से निकली राम रहीम की न्यूज में डूबी लव स्टोरी का कोई तोड़ नहीं। नोटबंदी का गम भूलकर अपने सच्चे आशिक के पास आ जाओं देखों ने 1000 और 500 के नए नोट के बाद 200 के नए नोट पर गांधी बाबा की फोटो से सजा नया नोट भी आ गया। बस एक तुम्हारा आना बाकी रह गया है.. क्या तुम इस इंतजार में हो कि गुजरात विधानसभा चुनाव में तीन सिंगल छोरों ने जिस तरह से ‘आरक्षण’ और ‘विकास’ के नाम पर गदर मचा रखा है और चुनाव लड़ रहे हैं मैं भी उसी तरह तुम्हारे इश्क में निर्दलीय उम्मीदवार बन कर चुनावी मैदान में जनता के बीच जाऊं।
वो किसी शायर ने कहा है ना- गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौबहार चले…चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले….