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Hindi News भारत राष्ट्रीय सिर्फ 50 रुपये दो और दिल्ली में ही देख लो दुनिया के 7 अजूबे

सिर्फ 50 रुपये दो और दिल्ली में ही देख लो दुनिया के 7 अजूबे

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सराय काले खां के समीप राजीव गांधी स्मृति वन में सात एकड़ में फैले ‘वेस्ट टू वंडर पार्क’ नामक पार्क का बृहस्पतिवार शाम को उद्घाटन किया। शुक्रवार को उसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया।

<p>A replica of Eiffel Tower at 'Waste to Wonders park',...- India TV Hindi A replica of Eiffel Tower at 'Waste to Wonders park', featuring replicas of world's seven wonders, in New Delhi

नई दिल्ली: क्या आप दुनिया के सात अजूबे एक ही स्थान पर देखना चाहते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। आप दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के एक थीम पार्क में साठ फुट के एफिल टावर, 20 फुट के ताजमहल और अन्य पांच अजूबों की प्रतिकृतियां निहार सकते हैं। सबसे विशिष्ट बात यह है ये प्रतिकृतियां औद्योगिक और अन्य अपशिष्टों से बनाई गई हैं।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सराय काले खां के समीप राजीव गांधी स्मृति वन में सात एकड़ में फैले ‘वेस्ट टू वंडर पार्क’ नामक पार्क का बृहस्पतिवार शाम को उद्घाटन किया। शुक्रवार को उसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया। एसडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इस पार्क को आज आम लोगों के लिए खोल दिया गया। पहले दिन ही इतनी भीड़ उमड़ी क्योंकि यह मनोरंजन का अनोखा क्षेत्र है जहां पुनर्चक्रण से सौदर्यबोध पैदा किया गया है। ’’

उन्होंने बताया कि साढ़े सात करोड़ रुपये की लागते से निर्मित यह पार्क सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहेगा। गृह मंत्री ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की इस पहल की यह कहते हुए प्रशंसा की कि इस पार्क ने अन्य एजेंसियों के लिए ‘अपशिष्ट से संपदा’ निर्माण का एक दृष्टांत पेश किया है क्योंकि ‘वंडर्स ऑफ वर्ल्ड’ को तैयार करने में कबाड़ का इस्तेमाल किया गया है।

एसडीएमसी के अधिकारियों ने बताया कि इस पार्क में ताजमहल की 20 फुट ऊंची प्रतिकृति, ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा की 18 फुट ऊंची प्रतिकृति, एफिल टावर की 60 फुट ऊंची प्रतिकृति, लीनिंग टावर ऑफ पीसा की 25 फुट ऊंची प्रतिकृति, रियो डि जैनेरियो की क्राइस्ट द रिडीमर की 25 फुट ऊंची प्रतिकृति, रोम के कोलोसियम की 15 फीट ऊंची प्रतिकृति और न्यूयार्क के स्टेट्यू ऑफ लिबर्टी की 30 फुट ऊंची प्रतिकृति हैं।

ताजमहल का ऊपरी गुंबद साइकिल की रिम से बनाया गया है, इसी तरह बाकी अजूबे भी एंगल, नट बोल्ट, साइकिल, मेटल शीट, ऑटोमोबाइल पार्ट, पुराने बर्तन और बेकार पड़े लोहे से बनाए गए हैं। एसडीएमसी के आयुक्त पी के गोयल ने कहा, ‘‘पहले चार महीने तक हम खुद ही इसका रखरखाव करेंगे और तत्पश्चात आंगुतकों की प्रतिक्रिया के आधार पर उसके रखरखाव को आऊटसोर्स करने के बारे में सोचा जाएगा।’’ अभी प्रवेश शुल्क वयस्कों के लिए 50 रुपये और बच्चों (3-12 साल) के लिए 25 रुपये हैं।

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