दिल्ली हिंसा ‘सुनियोजित कार्यक्रम, निष्पक्ष जांच हो: असदुद्दीन ओवैसी
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली हिंसा ‘एक सुनियोजित कार्यक्रम’ थी जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
नयी दिल्ली: एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली हिंसा ‘एक सुनियोजित कार्यक्रम’ थी जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर चर्चा के दौरान ओवैसी ने कहा कि सत्ता पक्ष के लोगों के चेहरों पर दिल्ली हिंसा को लेकर कोई पछतावा दिखाई नहीं देता। उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाना चाहिए और उच्चतम न्यायालय या किसी उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन कर निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
असदुद्दीन ओवैसी ने इस दौरान केंद्र पर निशाना साधते हुए ऐसा बयान दिया जिस पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ओवैसी वरिष्ठ सांसद हैं और उन्हें इस संवेदनशील विषय पर सदन में ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जिससे तनाव बढ़े। उन्होंने कहा कि सियासत चमकाने के बहुत मौके हैं, यहां ऐसा नहीं करना चाहिए। गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने आरोप लगाया कि ओवैसी यहां अमन-चैन की बात कर रहे हैं लेकिन उनकी पार्टी ने ‘‘ हैदराबाद में हजारों हिंदू बस्तियों को खाली करा दिया।’’
वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने इस चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली हिंसा को सुनियोजित षड्यंत्र के तहत अंजाम दिया गया और इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, वहीं किसी निर्दोष को तकलीफ नहीं होने दी जाएगी। शाह ने कहा कि दिल्ली हिंसा में मारे गये लोगों के प्रति श्रद्धांजलि प्रकट करते हुए कहा, ‘‘दंगों में जिनकी जान गई है उन सभी के लिए मैं दुख प्रकट करता हूं और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।’’
उन्होंने कहा कि 24 फरवरी की दोपहर दो बजे हिंसा की पहली घटना की सूचना आई और 25 फरवरी को रात 11 बजे के बाद सांप्रदायिक हिंसा की कोई घटना नहीं घटी। हिंसा को रोकने में दिल्ली पुलिस की भूमिका की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने हिंसा को पूरी दिल्ली में नहीं फैलने देने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। शाह ने कहा कि कि दिल्ली के कुल 203 थाने हैं और हिंसा केवल 12 थाना क्षेत्रों तक सीमित रही।