नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। दो गुटों के बीच बढ़े तनाव ने दंगे का रूप ले लिया है और कई क्षेत्रों में हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। दंगाई पुलिस से तो भिड़ ही रहे हैं, साथ में अब मीडिया को भी टारगेट कर रहे हैं। दंगाई बंदूकों का इस्तेमाल कर रहे हैं और उनकी गोली से एक निजी समाचार चैनल के पत्रकार को भी गोली लग गई है। आकाश नाम के पत्रकार को उस समय गोली लगी है जब वह दंगा प्रभावित क्षेत्र में करवेज के लिए पहुंचा था, गोली लगने से वह घायल हो गया है और उसे निकट के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दो दिन से उत्तर पूर्वी दिल्ली में फैली हिंसा ने एक पुलिस कॉन्स्टेबल सहित 10 लोगों की जान ले ली है। दंगों की वजह से मौजपुर, चांदबाग, गोकुलपुरी, भजनपुरा, कर्दमपुरी और जाफराबाद को सबसे प्रभावित बताया जा रहा है। इन जगहों में कई क्षेत्रों में आगजनी, पथराव, हिंसा, और कुछेक जगहों से गोलीबारी की खबरें मिली हैं।
इस बीच दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर दिल्ली में हिंसा से निपटने और शांति बहाल करने की बात कही है। दिल्ली पुलिस ने शांति बहाली के लिए तनाव वाली कई जगहों में पूरे एक महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी है। कई जगहों पर अतीरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है।
हिंसा में दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल रतन लाल समेत नौ लोगों की मौत हो गई है। अस्पताल अधिकारियों के अनुसार मृतकों में से एक की पहचान घोंडा निवासी विनोद कुमार (45) के रूप में हुई है जिसे जग प्रवेश चन्द्र अस्पताल मृत लाया गया था। उन्होंने बताया कि एक अन्य मृतक की पहचान मोहम्मद फुरकान के रूप में हुई है। अन्य मृतकों की पहचान अभी नहीं हो सकी है।
गृह राज्य मंत्रई किशन रेड्डी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली में जानबूझकर हिंसा फैलाई गई और नरेन्द्र मोदी सरकार इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की देश की यात्रा के दौरान हिंसा को लेकर चिंता जताई। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के नाम पर आगजनी और दंगा ‘‘पूरी तरह गलत’’ है।
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