भारत बंद के ऐलान के बीच किसानों की हड़ताल से दिल्ली में सब्जी, खाद्य पदार्थों की रुकी सप्लाई, राहुल गांधी करेंगे रैली को संबोधित
मंदसौर में पिछले साल किसानों पर हुई पुलिस गोलीबारी की पहली बरसी पर राहुल किसानों की रैली को संबोधित करेंगे।
नई दिल्ली: किसानों की हड़ताल यदि आने वाले दिनों में पड़ोसी राज्यों में और तेज होती है तो दिल्ली को ताजा सब्जी , फलों और अन्य जल्द खराब होने वाली वस्तुओं की आपूर्ति में कमी का सामना करना पड़ सकता है। आजादपुर मंडी के अध्यक्ष आदिल खान ने कहा कि सब्जियों, फलों और अन्य खाद्य सामग्रियों से भरे ट्रक शनिवार को दिल्ली पहुंच गए। यदि आने वाले दिनों में किसानों की हड़ताल जारी रहती है जो अगले हफ्ते दिल्ली में हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की मंडियों में खाद्य सामग्रियों का स्टॉक है और यह अगले दो दिनों की मांग पूरा करने के लिए पर्याप्त है। यदि उसके बाद आपूर्ति नहीं होती है तो हालत चिंताजनक हो सकती है। इधर मध्य प्रदेश के मंदसौर में होने वाली किसान रैली से कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार आरोप लगाया कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार कृषि संकट की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के हक की लड़ाई में कांग्रेस उनके साथ खड़ी होगी। राहुल ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे देश में हर रोज़ 35 किसान आत्महत्या करते हैं। कृषि क्षेत्र पर छाए संकट की तरफ़ केंद्र सरकार का ध्यान खींचने के लिए किसान भाई 10 दिन का आंदोलन करने पर मजबूर हैं। हमारे अन्नदाताओं के हक की लड़ाई में उनके साथ खड़े होने के लिए 6 जून को मंदसौर में किसान रैली को संबोधित करूंगा।’’ गौरतलब है कि मंदसौर में पिछले साल किसानों पर हुई पुलिस गोलीबारी की पहली बरसी पर राहुल किसानों की रैली को संबोधित करेंगे।
इधर राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने 10 जून को भारत बंद का ऐलान किया है। पिछले साल 6 जून को मंदसौर जिले में किसानों पर पुलिस जवानों द्वारा की गई फायरिंग और पिटाई में सात किसानों की मौत की पहली बरसी पर किसानों ने 10 दिवसीय आंदोलन शुरू किया है। देश के अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी शुक्रवार को पहले दिन 'गांव बंद' का व्यापक असर नजर आया। राजधानी भोपाल से लेकर मंदसौर और प्रदेश के अन्य हिस्सों में किसानों के आंदोलन के चलते लोगों को फल, सब्जी व दूध के लिए परेशान होना पड़ा। दूध की आपूर्ति पर असर हुआ है, तो सब्जियां मंडियों तक आसानी से नहीं पहुंची हैं। यही कारण है कि सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं।
आम किसान यूनियन के प्रमुख केदार सिरोही ने बताया, "किसान एकजुट हैं, वे अपना विरोध जारी रखे हुए हैं। 'गांव बंद' आंदोलन का असर साफ नजर आ रहा है। सरकार की हर संभव कोशिश है, इस आंदोलन को असफल करने की, लेकिन किसान किसी भी सूरत में सरकार के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं।"सिरोही ने आगे बताया कि बीते साल की तुलना में इस बार किसान खुद गांव से बाहर निकलकर अपना सामान बेचने जाने को तैयार नहीं है। वह सरकार की नीतियों से इतना परेशान है कि वह किसी भी तरह का आर्थिक नुकसान उठाने में नहीं हिचक रहा है। पुलिस जरूर किसानों को भड़काने व उकसाने में लगी है, ताकि हालात बिगड़ें।"
सरकार द्वारा इस आंदोलन को कांग्रेस का बताकर प्रचारित किए जाने को लेकर भी किसानों में नाराजगी है। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा का कहना है कि सरकार किसानों की बात न करके आंदोलन को लेकर भ्रम फैलाने में लगी है। सवाल यह नहीं है कि यह आंदोलन किसका है, सवाल यह है कि किसानों की जायज मांगें सरकार क्यों नहीं मान रही है। शर्मा ने 10 जून को भारत बंद का ऐलान किया है। इसमें उन्होंने कर्मचारी, व्यापारी और किसानों से शामिल होने की अपील की है। यह बंद दोपहर दो बजे तक का ही होगा। वहीं दूसरी ओर, पुलिस और प्रशासन ने किसान आंदोलन के मद्देनजर ग्रामीण इलाकों से शहरी क्षेत्रों में आने वाले दूध विक्रेताओं, सब्जी विक्रेताओं पर खास नजर रखी है। जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गई है। अर्धसैनिक बलों की कंपनियां भी सुरक्षा के लिए बुलाई गई हैं। मंदसौर सहित कई जिलों में निषेधाज्ञा भी लागू की गई है।