नई दिल्ली: दक्षिण पश्चिम दिल्ली के किशनगढ़ इलाके में बुधवार सुबह एक दंपती और उनकी बेटी के शव घर से बरामद किए गए। शवों पर चाकू के जख्म हैं। बाद में दंपती के बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पीड़ितों पर चाकू से वार किए गए थे। वहीं उनके बेटे सूरज की उंगली में जख्म मिले।
उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस सुबह 5.20 बजे उनके घर पहुंची। मृतकों की शिनाख्त मिथलेश वर्मा (45), उनकी पत्नी सिया वर्मा (40) और उनकी बेटी नेहा (16) के तौर पर की गई है। पुलिस ने बताया कि हमले में इस्तेमाल हुए हथियार को बरामद कर लिया गया है और सूरज को गिरफ्तार कर लिया गया।
मिथलेश वर्मा के बड़े भाई चंद्रभान ने बताया कि मिथलेश वर्मा अपने परिवार के साथ पिछले 18 वर्ष से रह रहे थे। उनका बेटा गुडगांव के एक निजी कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग कर रहा है वहीं उनकी बेटी वसंत कुंज के एक निजी स्कूल में कक्षा नौ की छात्रा थी। चंद्र भान ने बताया, ‘‘मुझे कन्नौज में अपने परिजन से सुबह 5.30 फोन आया। मिथलेश के पड़ोसियों ने उन्हें सूचित किया था। मैं तत्काल वहां पहुंचा और उनके शवों को मैंने खून से सना पाया। उनके शरीर पर चाकुओं के निशान थे।’’
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूरे घर में तोड़ फोड़ की गई थी लेकिन कोई भी बहुमूल्य सामान लापता नहीं पाया गया। मिथलेश वर्मा के रिश्तेदार शिव प्रताप ने कहा कि उसने अपनी आंटी को जमीन पर खून से लथपथ पाया वहीं नेहा बेड पर थी जिसके शरीर पर चाकुओं के निशान थे।
वर्मा के पड़ोसी ईश्वर लाल ने बताया कि तड़के उनकी पत्नी ने सूरज को मदद के लिए चिल्लाते सुना था। जब वे वहां पहुंचे तो उन्हें घटना के बारे में पता चला। उन्होंने देखा की सूरज घर के गेट के आगे बैठा रो रहा था। लाल ने दावा किया कि सूरज ने शुरूआत में एक अन्य पड़ोसी पिंटू से मदद मांगी थी जो अस्पताल से लौट रहा था।
सूरज के चाचा चंद्रभान ने कहा कि 2013 में सूरज को कथिततौर पर अज्ञात लोगों ने अगवा कर लिया था जब वह पास के बाजार से किताबें खरीदने गया था।
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