मुंबई (महाराष्ट्र): राजधानी दिल्ली को मुंबई से जोड़ने वाले प्रस्तावित 1,000 अरब रुपये के एक्सप्रेसवे पर काम दिसंबर में शुरू होगा और यह तीन साल में पूरा होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी। सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा अप्रैल में की थी। पहले यह सड़क मौजूदा राजमार्ग (एनएच-8) के समानान्तर बननी थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण की ऊंची लागत की वजह से यह अधिक पूर्व की ओर चलेगी।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर दिसंबर में काम शुरू
मंत्री ने कहा कि इस सड़क का मार्ग बदलने की वजह से अब यह गुरुग्राम से शुरू होगी। यह जयपुर तक मौजूदा राजमार्ग के समानान्तर चलेगी। वहां से यह पूर्व की ओर अलवर, झाबुआ के आदिवासी जिले और पश्चिमी मध्य प्रदेश के रतलाम की ओर जाएगी और वहां से पश्चिम की ओर मुड़कर बड़ौदा पहुंचेगी। गडकरी ने कहा, हम 1,000 अरब रुपये के दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर दिसंबर में काम शुरू करेंगे। इसका काम 30 से 36 माह में पूरा होगा। पैसा कोई समस्या नहीं है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) बाजार से सस्ते में धन जुटा सकता है।
सरकार को 16,000 करोड़ रुपए की बचत हुई
भूमि अधिग्रहण की लागत के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने कहा कि नया रास्ता चुनने की वजह से सरकार को 16,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है। मूल रास्ते के हिसाब से एक एकड़ की लागत सात करोड़ रुपये बैठनी थी। नए रास्ते की वजह से इसकी लागत घटकर 80 लाख रुपये हेक्टेयर रह गई है। भूमि की लागत ही 6,000 करोड़ रुपये बैठेगी।
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