नई दिल्ली: दिल्ली के लाल कुआं में सांप्रदायिक हिंसा की साजिश के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। हालांकि एहतियातन पुलिस ने इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है। इस बीच केंद्रीय मंत्री और इलाके के सांसद हर्षवर्धन ने लालकुआं का दौरा किया और उस मंदिर में जाकर हालात का जायज़ा लिया जहां रविवार को तोड़फोड़ की गई थी। हर्षवर्धन ने घटना को दुखदायी बताते हुए मंदिर में तोड़फोड़ को गलत बताया, साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग की।
बता दें कि रविवार रात एक समुदाय विशेष के लोंगों ने हंगामा किया, घर में तोड़फोड़ के साथ-साथ मंदिर में भी तोड़फोड़ की और फिर थाने का घेराव करने पहुंच गए। हालात इस कदर बिगड़े कि राजधानी में सांप्रदायिक हिंसा फैलने की नौबत तक आ गई। रविवार के हंगामे के बाद इलाके में अब भी तनाव है। हालात को देखते हुए इलाके को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
लालकुआं के दुर्गा मंदिर में तोड़फोड़ क्यों शुरू हुई, इसके पीछे की कहानी चौंकाने वाली है। दरअसल, हंगामा तब शुरू हुआ जब एक घर के बाहर शराब पी रहे कुछ शरारती तत्वों को लोगों ने रोका। मना करने पर बदमाशों ने घर के बाहर और अंदर जमकर तोड़फोड़ की। परिवार की महिलाओं से बदसलूकी की। सीसीटीवी में भी कैद तस्वीरों हंगामे की तस्वीर देखी जा सकती है।
घर में हंगामा और तोड़फोड़ के बाद भी उपद्रवी शांत नहीं हुए। आरोप है कि ये लोग पास के ही सैकड़ों की संख्या में 100 साल पुराने दुर्गा मंदिर पहुंचे और वहां भी ईंट-पत्थर से हमला कर सांप्रदायिक हिंसा का रंग देने की कोशिश की।
हंगामे के बाद दिल्ली पुलिस का भी बयान आया लेकिन पुलिस ने हंगामे के लिए एक और ही कहानी बताई। सेंट्रल दिल्ली के डीसीपी के अनुसार हौज़ काज़ी इलाके में दो सांप्रदाय के लोगों में पार्किंग को लेकर विवाद पैदा हुआ था लेकिन अब लीगल एक्शन ले लिया गया है और हालात सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। लोगों से हालात सामान्य बनाने की अपील की जा रही है।
पुलिस की अपील के साथ-साथ सख्ती का असर दिख रहा है। इलाके में हिंसा की नई घटना तो नहीं हुई है लेकिन तनाव अब भी है। इसी बीच पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया लगाते हुए आरोपियों पर जल्द कार्रवाई की मांग की है।
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