दिल्ली में सीलिंग पर जंग, आम आदमी पार्टी और बीजेपी नेताओं में तीखी बहस, केजरीवाल ने LG को लिखा खत
सीलिंग के खिलाफ सड़क पर उतरे कारोबारी अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। कारोबारियों ने 31 जनवरी तक सीलिंग पर रोक ना लगने की सूरत में दो और तीन फरवरी को एक बार फिर दिल्ली बंद का ऐलान किया है।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच दिल्ली सीलिंग के मुद्दे पर जंग खुलकर सामने आ गई है। सीलिंग का समाधान निकालने के लिए आज दिल्ली भाजपा के सभी बड़े नेता और विधायक केजरीवाल के घर पहुंचे थे लेकिन इस मीटिंग में भाजपा और आप के नेताओं में जमकर तू-तू मैं-मैं हुई जिसके बाद भाजपा के नेताओं ने मीटिंग का बहिष्कार कर दिया। भाजपा और आप के नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए। जब भाजपा के नेता बाहर निकले तो आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर बातचीत के नाम पर ड्रामे का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हम मारपीट नहीं करना चाहते थे इसलिए बाहर निकल आए। हालांकि आम आदमी पार्टी का कहना है कि भाजपा सीलिंग का समाधान निकालना ही नहीं चाहती है और वो सिर्फ दिखावा कर रही है।
वहीं सीलिंग के खिलाफ सड़क पर उतरे कारोबारी अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। कारोबारियों ने 31 जनवरी तक सीलिंग पर रोक ना लगने की सूरत में दो और तीन फरवरी को एक बार फिर दिल्ली बंद का ऐलान किया है। कारोबारियों और व्यापारियों के गुस्से की आग में सियासी रोटी सेंकने की कोशिशें भी खूब परवान चढ़ रही हैं। दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी सीलिंग के खिलाफ आज एक बार फिर सड़कों पर है। आम आदमी पार्टी ने कल संसद तक मार्च निकाला था।
आज भी आम आदमी पार्टी के सांसद और विधायक दिल्ली के एलजी अनिल बैजल से मिल रहे हैं। आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे ने आज से सिविक सेंटर पर बेमियादी हड़ताल पर बैठने का ऐलान किया है।
क्यों हो रही है सीलिंग?
दिल्ली में सीलिंग की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश अवैध निर्माण के खिलाफ दिया था। दरअसल दिल्ली में होने वाले निर्माण कार्य की इजाजत MCD देती है। अवैध निर्माण के खिलाफ याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 2005 में उसे गिराने का आदेश दिया लेकिन हाईकोर्ट का आदेश सही तरीके से लागू नहीं हुआ तो ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 के बाद हुए अवैध निर्माण पर सीलिंग की कार्रवाई का आदेश दिया हालांकि कारोबारियों को सीलिंग से बचाने के लिए सरकार ने कन्वर्जन चार्ज देने का कानून बनाया लेकिन जिन कारोबारियों ने कन्वर्जन चार्ज जमा नहीं कराया, उनकी सीलिंग हो रही है।
हालांकि कारोबारियों और व्यापारियों का पक्ष कुछ और ही है। वो सीलिंग की कार्रवाई को रोजी-रोटी पर हमला बता रहे हैं और लगातार हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे रहे हैं। बता दें कि सीलिंग का असर दिल्ली के कई पॉश इलाकों पर पड़ा है। पिछले कुछ दिनों में कनॉट प्लेस, खान मार्केट, ग्रेटर कैलाश, डिफेंस कॉलोनी, करोल बाग, लक्ष्मी नगर, कृष्णा नगर, चांदनी चौक, चावड़ी बाजार, साउथ एक्सटेंशन, खरी बावली, नई सड़क, कमला नगर, सदर बाजार और कश्मीरी गेट में छह सौ से भी ज्यादा दुकानें सील की जा चुकी हैं।
दरअसल दिल्ली में जल्द ही बीस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। सीलिंग का सबसे ज्यादा असर कारोबारियों और व्यापारियों पर पड़ा है जिन्हें भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। भाजपा को अपना परंपरागत वोट बैंक खिसकने का डर सता रहा है लिहाजा पार्टी व्यापारियों को राहत देने की योजना बनाने में जुट गई है तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी लगातार इस मुद्दे को उठा रही है। 2006 में भी सीलिंग की कार्रवाई होने पर बहुत बड़ा बवाल मचा था। उस वक्त एमसीडी में कांग्रेस का शासन था। व्यापारियों की नाराजगी का खामियाजा कांग्रेस को ऐसा भुगतना पड़ा कि वो अब तक एमसीडी की सत्ता से बाहर है। ऐसे में भाजपा व्यापारियों की नाराजगी कम करने के लिए नया कानून लाने पर विचार कर सकती है।