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Hindi News भारत राष्ट्रीय दिल्ली के सरकारी स्कूल में हिंदू और मुस्लिम छात्रों के अलग-अलग सेक्शन: रिपोर्ट

दिल्ली के सरकारी स्कूल में हिंदू और मुस्लिम छात्रों के अलग-अलग सेक्शन: रिपोर्ट

रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले वजीराबाद के एक प्राइमरी स्कूल में हिंदू और मुस्लिम छात्रों को अलग-अलग सेक्शन में रखा गया है

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नई दिल्ली। दिल्ली के एक प्राइमरी सरकारी स्कूल में हिंदू और मुस्लिम छात्रों को धर्म के आधार पर अलग-अलग सेक्शन में रखे जाने का मामला सामने आया है। अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस के 10 अक्तूबर के एडिशन में पहले पन्ने पर छपी खबर के मुताबिक उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले वजीराबाद के एक प्राइमरी स्कूल में हिंदू और मुस्लिम छात्रों को अलग-अलग सेक्शन में रखा गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वजीराबाद गांव में गली नंबर 9 में स्थित स्कूल के हाजिरी रजिस्टर के मुताबिक पहली कक्षा के सेक्शन ए में 36  हिंदू छात्रों के नाम हैं जबकि सेक्शन बी में 36 मुस्लिम छात्रों के नाम दर्ज हैं। इसी तरह दूसरी कक्षा के सेक्शन ए में 47 हिंदू और सेक्शन बी में 26 मुस्लिम तथा 15 हिंदू और सेक्शन सी में 40 मुस्लिम छात्रों के नाम हैं। तीसरी कक्षा के सेक्शन ए में 40 हिंदू, सेक्शन बी में 23 हिंदू और 11 मुस्लिम, सेक्शन सी में 40 हिंदू तथा सेक्शन डी में 14 हिंदू और 23 मुस्लिम छात्र हैं। रिपोर्ट में चौथी और पांचवीं कक्षा को लेकर भी इसी तरह का दावा किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल के मौजूदा इंचार्ज सीबी सिंह सेहरावत ने धर्म के आधार पर सेक्शन बांटने के आरोप को गलत बताया। हालांकि सीबी सिंह सेहरावत ने कहा कि यह स्कूल प्रबंधन का फैसला था और शांति, अनुशासन और बेहतर शिक्षा के माहौल के लिए था। रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जुलाई में स्कूल के प्रेंसिपल के तबादले के बाद सीबी सिंह सेहरावत को इंचार्ज बनाया गया है।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि धर्म के आधार पर क्लास के सेक्शनों को बांटने का काम इसी साल प्रेसिंपल के तबादले के बाद जुलाई से शुरू किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि नए इंचार्ज क्लास अध्यापकों की सलाह लिए बिना ही सेक्शनों को इस तरह से बांटना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक कुछ अध्यापकों ने लगभग 20 दिन पहले नगर निगम के क्षेत्रीय कार्यालय में जाकर संबधित विभाग को इस मामले की जानकारी दी, लेकिन पचड़े से बचने के लिए उन्होंने अपनी आशंका को लिखित में नहीं सौंपा। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने अब इस मामले में कार्रवाई करने का भरोसा दिया है।

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