शाहीन बाग में 100 दिन से चल रहा प्रदर्शन खत्म, पुलिस ने उखाड़े टेंट
नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ 15 दिसंबर से शाहीन बाग में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हटा दिया है। दिल्ली पुलिस धरने वाली जगह से टेंट हटा दी है। बता दें कि कोरोना के मद्देनजर दिल्ली में धारा 144 लागू है। इसके बावजूद वहां कुछ प्रदर्शनकारी जुटे हुए थे।
नई दिल्ली: नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ 15 दिसंबर से शाहीन बाग में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हटा दिया है। दिल्ली पुलिस धरने वाली जगह से टेंट हटा दी है। बता दें कि कोरोना के मद्देनजर दिल्ली में धारा 144 लागू है। इसके बावजूद वहां कुछ प्रदर्शनकारी जुटे हुए थे। दिल्ली पुलिस का कहना है कि कोरोना के कारण कई राज्यों में लॉकडाउन किया गया है जिनमें दिल्ली भी शामिल है। हमने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वह धरनास्थल से हट जाएं क्योंकि भीड़ में रहने से कोरोना फैलने का खतरा ज्यादा होता है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए धारा-144 लागू होने के बाद शाहीन बाग में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी की गई।
जॉइंट सीपी दिवेश श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह जब दिल्ली पुलिस यहां पहुची थी तो कुछ महिलाओं और आदमियों ने प्रदर्शन स्थल खाली करने से मना किया जिन्हें हिरासत में लिया गया है। किसी तरह का बल प्रयोग नही किया गया है। सड़क के बीच से स्ट्रक्चर हटाया जा रहा है और सुरक्षा के लिहाज से इलाके में पुलिसबल तैनात रहेगा।
बता दें कि शाहीन बाग में प्रदर्शन से जुड़े एक प्रदर्शनकारी में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। जहांगीरपुरी निवासी इस शख्स की बहन इसी महीने सऊदी अरब से आई है, जो संक्रमित पाई गई है। प्रदर्शनकारी तक संक्रमण उसकी बहन से ही फैला है। यह प्रदर्शनकारी सीएए के खिलाफ पिछले दिनों शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन में शामिल हुआ था।
बहन के कोरोनावायरस से ग्रस्त पाए जाने के बाद प्रदर्शनकारी और उसकी मां को भी एहतियातन दिल्ली गेट स्थित लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। अब इन दोनों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। कोरोनाग्रस्त प्रदर्शनकारी ने कहा, "मैं नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपना समर्थन जताने शाहीनबाग गया था।"
प्रदर्शनकारी के इस दावे ने शाहीन बाग में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। हालांकि इस व्यक्ति का कहना है, "मैं नौ फरवरी को पहली और आखिरी बार शाहीनबाग में प्रदर्शन के लिए गया था, जबकि मेरी बहन मार्च महीने में सऊदी अरब से लौटी है। अपनी बहन से मुलाकात के बाद ही मैं कोरोनावायरस की चपेट में आया हूं।"
व्यक्ति के मुताबिक, वह नौ फरवरी के बाद दोबारा कभी शाहीनबाग नहीं गया। हालांकि इस तथ्य की उसके अलावा किसी और स्तर पर पुष्टि नहीं हुई है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि वह किस-किस दिन नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपना विरोध जताने शाहीनबाग गया था।
जहांगीरपुरी में रहने वाले इस व्यक्ति का यहां एक जुराब बनाने की फैक्ट्री है। इसके कोरोनावायरस से पॉजिटिव पाए जाने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग उसकी फैक्ट्री में काम करने वाले सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच में जुटा है। इसके अलावा उन सभी लोगों का ब्यौरा भी एकत्र किया जा रहा है, जो 10 मार्च के बाद उसके संपर्क में आए हैं।
डॉक्टरों को दी गई जानकारी में इस कोरोनाग्रस्त व्यक्ति ने कहा है कि 10 मार्च के बाद वह शाहीनबाग या फिर वहां प्रदर्शन पर बैठे किसी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आया। वह शाहीनबाग में व्यक्तिगत तौर पर किसी को नहीं पहचानता और वह केवल प्रदर्शन में शामिल होने के लिए शाहीनबाग पहुंचा था। हालांकि यह दावा स्वयं उसकी ओर से किया जा रहा है, और अभी इस तथ्य की पुष्टि किसी और स्तर पर नहीं हुई है।