नयी दिल्ली: सीपीसीबी ने अधिकारियों से सिफारिश की है कि दीपावली के बाद 8 से 10 नवंबर तक दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाए क्योंकि तब वायु गुणवत्ता के और खराब होकर "गंभीर" श्रेणी में पहुंचने के आसार हैं। पर्यावरण मंत्रालय के अधीन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव प्रशांत गार्गव ने मंगलवार को परिवहन अधिकारियों के साथ बैठक की और आठ से 10 नवंबर तक दिल्ली में ट्रकों (जरूरी वस्तुओं की ढुलाई करने वालों को छोड़कर) के प्रवेश पर पाबंदी की सिफारिश की।
सीपीसीबी के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि ये वाहन प्रदूषण को बहुत बढ़ाते हैं। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पहले से ही बेहद खतरनाक श्रेणी में चल रहा है, ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी की परेशानी और बढ़ सकती है। अन्य सिफारिशों में कूड़े के निपटान और इसे जलाने पर कड़ी निगरानी, यातायात के दबाव और जाम से निपटने के लिए यातायात पुलिस के इंतजाम शामिल हैं। इसके अलावा टास्क फोर्स द्वारा सुझाए गए उपायों, निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध और कोयले व बायोमास आधारित उद्योगों की बंदी आदि पर अमल जारी रहेगा। सीपीसीबी ने लोगों से डीजल की निजी कारों के इस्तेमाल से परहेज की भी अपील की है।
भारतीय मौसम विभाग के अधिकारी सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि फिलहाल दिल्ली की वायु गुणवत्ता "बेहद खराब" श्रेणी में है और 8 से 10 नवंबर के बीच हवा की कम गति और पराली जलाए जाने के कारण इस स्थिति के और खराब होने के आसार हैं।
केंद्र की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) की ओर से कहा गया कि पिछले साल की तुलना में इस साल विषैले पटाखे कम भी चलाए जाएं तो भी दीपावली के बाद आठ नवंबर को दिल्ली की वायु गुणवत्ता के और खराब होकर ‘बेहद गंभीर और आपात’ की श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।
सफर की रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ पिछली दीपावली के मुकाबले यदि विषैले पटाखे 50 फीसदी कम भी चलाए जाएंगे तो भी आठ और नौ नवंबर को कम से कम दो दिन तक वायु की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी रहेगी।’’
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