नयी दिल्ली: दिल्ली में हवा की गति मंद रहने के चलते बुधवार को वायु की गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ श्रेणी में रही, जबकि चार इलाकों में प्रदूषण का स्तर ’गंभीर’ श्रेणी का दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार शहर में कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक 373 दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में आता है। इसके मुताबिक आनंद विहार, नेहरू नगर, मुंडका और वजीरपुर में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी की दर्ज की गई, जबकि 30 इलाकों में यह बहुत खराब श्रेणी की रही।
ग्रेटर नोएडा की कुल वायु गुणवत्ता राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बदतर रही, यह गंभीर श्रेणी से कुछ अंक नीचे रही। सीपीसीबी आंकड़ों के अनुसार बुधवार को पीएम 2.5 (हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कणों) का स्तर 240 दर्ज किया गया और पीएम 10 का स्तर 389 रहा। वायु गुणवत्ता सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को ‘‘अच्छा’’, 51 से 100 तक ‘‘संतोषजनक’’, 101 से 200 तक ‘‘मध्यम व सामान्य’’, 201 से 300 के स्तर को ‘‘खराब’’, 301 से 400 के स्तर को ‘‘बहुत खराब’’ और 401 से 500 के स्तर को ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में रखा जाता है।
केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के अनुसार, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता अगले दो-तीन दिन बहुत खराब श्रेणी की बनी रहने की उम्मीद है। सफर ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस समय हवाएं प्रदूषकों के बिखराव के लिए अनुकूल नहीं हैं। आर्द्रता का स्तर भी अधिक है। पराली जलाने की घटनाओं में थोड़ी कमी आई है और इसका मामूली असर पड़ेगा। अधिकारी कृत्रिम वर्षा कराने पर भी विचार कर रहे हैं लेकिन इसके लिए मौसम संबंधी परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं।
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