दिल्ली प्रदूषण: वायु गुणवत्ता बिगड़ने की स्थिति ‘गंभीर’, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का काम रोकने का निर्देश
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रॉपिकल मेटियोरोलॉजी (आईआईटीएम) ने उपग्रह से ली गई तस्वीरों में दिल्ली के आसपास के राज्यों में कई स्थानों पर आग लगी देखी।
नई दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता बिगड़ने की स्थिति इस मौसम में पहली बार मंगलवार को ‘गंभीर’ हो गई क्योंकि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने में तेजी आ गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) अधिकारियों ने बताया कि समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) अपराह्न तीन बजे 401 था जो कि ‘गंभीर’ श्रेणी में पड़ता है। यह इस मौसम में उच्चतम स्तर है। इसमें 0 से 50 एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।
वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर देखते हुए गाजियाबाद के डीएम ने जिले के अंतर्गत दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के काम को तत्काल प्रभाव से 10 नवंबर तक रोकने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही यूपी ब्रिज कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन के साथ ही पीडब्ल्यूडी द्वार लोनी में कराए जा रहे काम पर भी रोक लगाने का निर्देश जारी किया है। इसके अलावा गाजियाबाद ने जिल में चल रही 8 औद्योगिक इकाइयों को 30 नवंबर तक बंद करने का आदेश दिया है।
केंद्र संचालित ‘सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च’ (एसएएफएआर) ने वायु गुणवत्ता में आई इस गिरावट के लिए ‘‘पिछले 24 घंटे में काफी मात्रा में पराली जलाने और हवा शांत रहने’’ को जिम्मेदार ठहराया। एसएएफएआर अधिकारियों ने कहा कि वायु में पीएम 2.5 से करीब 28 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाने जैसे क्षेत्रीय कारकों के चलते हुआ। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रॉपिकल मेटियोरोलॉजी (आईआईटीएम) ने उपग्रह से ली गई तस्वीरों में दिल्ली के आसपास के राज्यों में कई स्थानों पर आग लगी देखी।
नोएडा में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचा
नोएडा की आबोहवा भी दिन पर दिन जहरीली होती जा रही है आलम यह है कि यहां पर प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि नोएडा में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 403 मापा गया। जबकि इसका न्यूनतम स्तर 100 से 150 रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि यहां पर दिन पर दिन प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। जो जनमानस के लिए घातक साबित हो रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण विभाग ने नोएडा प्राधिकरण को पत्र लिखा है, कि वह बढते प्रदूषण को घटाने के लिए कारगर कदम उठाए।
इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि प्रदूषण विभाग के निर्देशों के तहत नोएडा में एक नवंबर से 10 नवंबर तक सभी तरह के निर्माण कार्यों को बंद करा दिया गया है। ईट के भट्टों, कोयले तथा लकड़ी से संचालित फैक्ट्री, हॉट मिक्स प्लांट, डीजल जनरेटर आदि पर भी प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए नोएडा प्राधिकरण यहां के पेड़ों व सड़कों पर पानी का छिड़काव कर रहा है। उन्होंने बताया कि नोएडा के सभी वर्क सर्किल के प्रभारियों को आदेश दिया गया है कि वे प्रदूषण रोकने के लिए कारगर कार्रवाई करें।