नयी दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में चली गई। वहीं अधिकारियों ने आगाह किया कि नववर्ष की पूर्व संध्या पर पटाखे फोड़ने या गाड़ियों से होना वाला उत्सर्जन बढ़ने से राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर में इजाफा होगा। राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के ‘गंभीर’ श्रेणी में जाने के मद्देनजर, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नीत कार्य बल ने दिल्ली एनसीआर की एजेंसियों को कचरे को जलाने तथा निर्माण गतिविधियों को कतई बर्दाश्त नहीं करने और कार्रवाई करने की हिदायत दी। कार्यबल ने पटाखों को जलाने पर उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागूकरने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 414 दर्ज किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने कहा कि नव वर्ष की पूर्व संध्या पर अतिरिक्त स्थानीय उत्सर्जन नहीं होने से हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार होगा। सफर ने कहा कि पश्चिम से नमी युक्त हवा की गति में गिरावट इस स्तर पर घातक हो सकती है। साथ ही गोली चलाने, पटाखे जलाने और जीवाश्म ईंधन (गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण) जैसे स्थानीय उत्सर्जन से हवा की गुणवत्ता तेजी से खराब होगी और इसे गंभीर श्रेणी में रखेगी। वायु गुणवत्ता 10 दिनों में चौथी बार रविवार को सुबह ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, 27 इलाकों में प्रदूषण ‘गंभीर’ स्तर पर दर्ज किया गया जबकि आठ इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ दर्ज की गई। एनसीआर में, गजियाबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद और नोएडा में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ रिकॉर्ड की गई है।
सीपीसीबी ने कहा कि दिल्ली में पीएम 2.5 का समग्र स्तर 318 रिकॉर्ड किया गया और पीएम 10 का स्तर 479 था। राष्ट्रीय राजधानी में पिछला रविवार साल का दूसरा सबसे प्रदूषित दिन था। तब एक्यूआई 450 रिकॉर्ड किया गया था। वायु गुणवत्ता सोमवार और मंगलवार को भी ‘गंभीर’ रही। बुधवार को हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार देखा गया, लेकिन गुरुवार को हवा फिर से ‘गंभीर’ श्रेणी में चली गई और तब से यह ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ के बीच है।
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंचने के बाद रविवार को सीपीसीबी नीत कार्यबल ने एक आपात बैठक बुलाई और निर्देश दिए कि पहले से किए गए उपाय जारी रहने चाहिए और ज़मीनी स्तर पर उपायों को लागू करने की जरूतर है, विशेष रूप से, उन क्षेत्रों में जहां प्रदूषण का स्तर अधिक रहता है। कार्यबल ने कहा, ‘‘ दिल्ली और इससे सटे चार शहर -- नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद तथा गुड़गांव की एजेंसियां हाई अलर्ट पर रहें। वे रात को गश्त करें, कचरा जलाने और निर्माण गतिविधियों को कतई बर्दाश्त नहीं करें और कार्रवाई करें।’’ कार्यबल ने पहले स्थानीय अधिकारियों और दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर चेताया था कि दिवाली पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का गंभीर उल्लंघन हुआ था लेकिन इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए।
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