राजस्थान में धूल भरी आंधी के कारण दिल्ली में छाई धुंध, वायु गुणवत्ता खराब
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली के ऊपर छायी धूल की धुंध के लिये राजस्थान में आयी धूल भरी आंधी को मुख्य वजह बताया है। मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में अगले तीन दिनों तक दिल्ली में यह स्थिति बरकरार रहने की आशंका व्यक्त की गयी है।
नयी दिल्ली: केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली के ऊपर छायी धूल की धुंध के लिये राजस्थान में आयी धूल भरी आंधी को मुख्य वजह बताया है। मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में अगले तीन दिनों तक दिल्ली में यह स्थिति बरकरार रहने की आशंका व्यक्त की गयी है। मंत्रालय ने इन दिनों दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने को अस्वाभाविक बताते हुये कहा कि इसकी मुख्य वजह राजस्थान में आने वाली धूल भरी आंधी है। जिसके कारण दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से हवा में मिले धूलकण जमीन के कुछ ऊंचाई पर जमा हो जाते हैं।
मौसम विशेषज्ञों की राय में इन दिनों भीषण गर्मी से जूझ रहे राजस्थान में तापमान की अधिकता के बीच पश्चिमी विक्षोभ के कारण तेज हवाओं के कारण धूल भरी आंधी का असर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में धूलकणों के वायुमंडल में संघनित होने के रूप में दिखता है। इस साल भी दस से 12 जून के बीच राजस्थान की धूल भरी आंधी का रूख दिल्ली की ओर रहा जिसकी वजह से यह स्थिति पैदा हुयी है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के हवाले से मंत्रालय ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में हवा की महज पांच से छह मीटर प्रति सेकेंड तक रहने के कारण वातावरण में अगले तीन दिन धूल का गुबार बरकरार रहने का अनुमान व्यक्त किया है। इसके मद्देनजर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य इकाई के माध्यम से स्थानीय निकायों और निर्माण क्षेत्र से जुड़ी एजेंसियों से लगातार पानी का छिड़काव करने को कहा है जिससे धूल न उड़ने से रोका जा सके।
साथ ही दिल्ली के मुख्य सचिव को इस दिशा में सभी संबद्ध एजेंसियों को आवश्यक दिशानिर्देश जारी करने को कहा है। इस बीच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्थिति से निपटने के लिये संबद्ध विभागों के साथ बैठक कर स्थिति से निपटने के लिये वायु प्रदूषण रोधी कदम उठाने को कहा है। साथ ही लोगों से अधिक समय तक खुले में निकलने से बचने का भी परामर्श जारी किया है।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में खराब हुई वायु की गुणवत्ता
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मार्च से मई के बीच वायु गुणवत्ता ‘‘खराब से बहुत खराब स्तर’’ के बीच रही तथा कई बार इससे संबंधित सूचकांक 350 या उससे ऊपर पहुंच गया। एक रपट में यह बात सामने आयी है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के आलोक में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने मासिक आंकड़े जारी किये हैं , जो पिछले तीन माह में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की वायु गुणवत्ता को दिखाते हैं।
यह रपट दिखाती है कि मार्च से मई के बीच कई बार वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 या उससे ऊपर पहुंच गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक अगर 0-50 के बीच हो तो उसे अच्छा , 51-100 हो तो संतोषजनक, 101 से 200 के बीच हो तो मध्यम, 201-300 हो तो खराब, 301 से 400 के बीच हो तो बहुत खराब और 401-500 हो तो गंभीर माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिम से चलने वाली धूल भरी आंधी के कारण राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता खराब हो गयी है।