दिल्ली में वायु गुणवत्ता अब भी ‘गंभीर’, हवा के कारण प्रदूषण स्तर में मामूली सुधार
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवाओं के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार हुआ है लेकिन आज लगातार चौथे दिन भी वायु की गुणवत्ता यहां गंभीर बनी हुई है।
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवाओं के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार हुआ है लेकिन आज लगातार चौथे दिन भी वायु की गुणवत्ता यहां गंभीर बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) पश्चिम भारत में, खास कर राजस्थान में धूल की आंधी के कारण मंगलवार को यहां वायु की गुणवत्ता में गिरावट आयी थी और यहां की हवा में खुरदुरे कण का स्तर बढ गया था।
केंद्र सरकार के वायु गुंणवत्ता तथा मौसम पूर्वानुमान प्रणाली एवं अनुसंधान संस्थान (सफर) के वैज्ञानिक गुफरान बेग ने बताया कि राजस्थान से धूल की आवक में कमी हुई है और दिल्ली में स्थानीय हवाओं में तेजी आयी है। इस कारण प्रदूषण में कुछ कमी आयी है और कल तक हवा की गुणवत्ता के ‘खतरनाक’ स्तर से ‘‘बहुत खराब’’ स्तर पर आने की उम्मीद है।
हवा में दस एमएम से छोटे कंण की मौजूदगी वाले पीएम 10 का स्तर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 626 दर्ज किया गया जबकि दिल्ली में 650 दर्ज किया गया जिस कारण धुंधली स्थिति बनी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकडों के मुताबिक पीएम 2.5 के स्तर में आज कुछ सुधार हुआ है। दिल्ली क्षेत्र में इसका स्तर 164 और दिल्ली-एनसीआर में आज इसका स्तर 162 दर्ज किया गया । पिछले दिनों इसका स्तर ‘बहुत खराब’ से ‘खतरनाक’ पर पहुंच गया था। कल दिल्ली-एनसीआर में पीएम 2.5 का स्तर 268 और दिल्ली में 277 था।
सीपीसीबी के मुताबिक दिल्ली के कई स्थानों पर वायु गणवत्ता सूचकांक 500 से ऊपर बना हुआ है। गौरतलब है कि 0 से 50 के बीच के वायु गुणवत्ता सूचकांक को ‘‘अच्छा’’ माना जाता है, 51-100 के बीच को ‘‘संतोषजनक’’, 101-200 के बीच को ‘‘सामान्य’’, 201-300 को ‘‘खराब’’, 301-400 को ‘‘बहुत खराब’’ और 401-500 ‘‘खतरनाक’’ माना जाता है।
धूल के कारण हो रहे इस प्रदूषण के चलते उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कल आपात उपायों के तहत रविवार तक शहर भर में चल रहे सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धूल भरी तेज हवाओं का असर जारी रहेगा। (भाषा)