नयी दिल्ली: उत्तर पश्चिम भारत में धूल भरी आंधी चलने से राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर एकाएक बढ़ गया और हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गयी है। वायु गुणवत्ता एवं मौसम भविष्यवाणी तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने यह जानकारी दी। सफर ने वायु गुणवत्ता सूचकांक 408 दर्ज किया जो गंभीर की श्रेणी में आता है। वहीं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का वायु गुणवत्ता सूचकांक 347 दर्ज किया गया जो बेहद गंभीर की श्रेणी में आता है।
इसके साथ ही सफर ने ऐसे एहतियाती उपायों की सूची जारी की जिन्हें लोगों को खराब वायु गुणवत्ता के समय अपनाना चाहिए। प्रणाली ने कहा,‘‘आज घूमने से परहेज करें। खांसी आने, सीने में परेशानी महसूस होने, सांस लेने में कठिनाई होने अथवा थकान महसूस होने पर चिकित्सक से संपर्क करें और किसी भी प्रकार की बाह्य गतिविधि को रोक दें।’’
सूची में यह भी कहा गया,‘‘लकड़ी,मोमबत्ती आदि कुछ भी न जलाएं। कमरे को साफ रखे। गीले कपड़े से लगातार पोछा लगाएं। एन-95 अथवा पी-500 मास्क तभी काम आएंगे जब आप बाहर जा रहे हों। धूल से बचाने वाले मास्क पर ज्यादा भरोसा नहीं करें।’’ सफर ने कहा कि पूरा उत्तर पश्चिम भारत धूल भरी आंधी की चपेट में हैं और गुरुवार तथा शुक्रवार को वाणु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर से बेहद खराब की श्रेणी में रह सकता है। 10 मई के बाद वायु गुणवत्ता में सुधार के आसार हैं।
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