नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर के लोगों को वायु प्रदूषण से कोई राहत नहीं मिल रही है। केजरीवाल सरकार के एक्शन प्लान के बावजूद दिल्ली के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 386 दर्ज किया गया है। नोएडा में तो प्रदूषण रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार है, यहां का AQI 540 के पार है जो कि बेहद गंभीर श्रेणी में है। गुरुग्राम में भी ऐसे ही हालात है वहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 पार कर चुका है।
हवा की तेज गति के कारण इसमें 29 नवंबर के बाद से सुधार होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि अगले दो दिनों में सतह पर चलने वाली स्थानीय हवा थोड़ी-सी तेज हो सकती है जिससे प्रदूषकों का छितराव होगा और वायु प्रदूषण में हल्का सुधार होगा लेकिन फिर भी एक्यूआई ‘‘बहुत खराब’’ श्रेणी में ही रहेगा। दिल्ली में पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने का हिस्सा आठ प्रतिशत है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर’ ने शुक्रवार को बताया, ‘‘वायु गुणवत्ता को नियंत्रित करने वाले प्रमुख कारक मिश्रित परत की ऊंचाई और हवा हैं। 29 नवंबर से हवा की तेज गति के कारण एक्यूआई में सुधार आने की उम्मीद है।’’
राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता अभी तक नवंबर के ज्यादातर दिनों में ‘बहुत खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली में एक नवंबर को 24 घंटे के औसत गुणवत्ता सूचकांक के लिहाज से महीने का सबसे कम प्रदूषण स्तर दर्ज किया गया था और एक्यूआई 281 रहा था जबकि 23 नवंबर को एक्यूआई 290 था। एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान साल के इस मौसम के लिए सामान्य 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता का स्तर 95 प्रतिशत दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है और मौसम विज्ञानियों ने दिन भर मुख्यत: आसमान साफ रहने का अनुमान जताया है।
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