नई दिल्ली. गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली हिंसा को सुनियोजित षड्यंत्र के तहत अंजाम दिया गया और इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, वहीं किसी निर्दोष को तकलीफ नहीं होने दी जाएगी। दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि प्रकट करते हुए कहा, ‘‘दंगों में जिनकी जान गई है उन सभी के लिए मैं दुख प्रकट करता हूं और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।’’
उन्होंने कहा कि 24 फरवरी की दोपहर दो बजे हिंसा की पहली घटना की सूचना आई और 25 फरवरी को रात 11 बजे के बाद सांप्रदायिक हिंसा की कोई घटना नहीं घटी। हिंसा को रोकने में दिल्ली पुलिस की भूमिका की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने हिंसा को पूरी दिल्ली में नहीं फैलने देने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। अमित शाह ने कहा कि कि दिल्ली के कुल 203 थाने हैं और हिंसा केवल 12 थाना क्षेत्रों तक सीमित रही।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की सबसे पहली जिम्मेदारी हिंसा को रोकने की थी। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को दोपहर दो बजे के आसपास हिंसा की घटना की पहली सूचना मिली और अंतिम सूचना 25 फरवरी 11 बजे मिली, यानी ज्यादा से ज्यादा 36 घंटे हिंसा चली। शाह ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे में हिंसा को रोकने का काम किया और इसे फैलने की आशंका को शून्य कर दिया।’’
गृह मंत्री ने यह भी कहा, ‘‘36 घंटे में जो हुआ, उसे मैं नजरंदाज नहीं कर रहा। 50 से ज्यादा लोग मारे गए और हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ जो छोटी बात नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली दंगों के किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और कोई निर्दोष परेशान नहीं होगा। इसके लिए वैज्ञानिक तरीके से जांच हो रही हैं।’’
अमित शाह ने कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान दिल्ली के उनके कार्यक्रमों में नहीं गए और पूरे समय दिल्ली पुलिस के साथ बैठकें कर हिंसा को नियंत्रित करने की दिशा में लगे रहे। उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्व दिल्ली की हिंसा की घटनाओं के मामलों में कुल 2647 लोग हिरासत में लिए गए हैं अथवा गिरफ्तार किए गए हैं और सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है।
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