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Hindi News भारत राष्ट्रीय रेलवे पुलिस की हेल्पलाइन नंबर पर 80 फीसदी से ज्यादा कॉल पिज्जा, बर्गर के लिए आते हैं

रेलवे पुलिस की हेल्पलाइन नंबर पर 80 फीसदी से ज्यादा कॉल पिज्जा, बर्गर के लिए आते हैं

रेलवे पुलिस हेल्पलाइन नंबर 1512 की शुरूआत 2015 में की गयी थी । इसका मकसद ट्रेनों में यात्रियों को आने वाली दिक्कतों की शिकायत अथवा रेलवे स्टेशनों या ट्रेनों में होने वाले अपराध के बारे में पुलिस को शिकायत दर्ज कराने में मदद करना था।

Railway- India TV Hindi Image Source : TWITTER रेलवे पुलिस की हेल्पलाइन नंबर पर 80 फीसदी से ज्यादा कॉल पिज्जा, बर्गर के लिए आते हैं

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रेलवे पुलिस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि लोगों की मदद के लिए बनाई गई उसकी हेल्पलाइन नंबर पर रोजाना 80 फीसदी से अधिक कॉल पिज्जा और बर्गर की डिलीवरी, मोबाइल रिजार्च और ऐसे ही अन्य मामलों के संबंध में आते हैं।

पुलिस ने रविवार को बताया कि दिल्ली में रेलवे पुलिस के नियंत्रण कक्ष में हेल्पलाइन नंबर 1512 पर रोजाना औसतन 200 कॉल आते हैं और इनमें से 80 फीसदी ऐसे कॉल होते हैं जिनमें यात्री स्टाफ से पिज्जा बर्गर जैसे खाने-पीने की चीजें डिलीवर करने की मांग करते हैं या रेलवे में नौकरियों के बारे में पूछताछ करते हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि फोन कर यात्री जिन चीजों की मांग करते हैं उसमें फोन रिचार्ज करने, पिज्जा पहुंचाने की मांग आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा वे बर्गर, चाय, जूस, ठंडे पानी आदि की मांग करते हैं। उन्होने बताया कि कुछ ऐसे यात्री हैं जो बिजली का बिल जमा कराने के लिए अथवा ट्रेन टिकट की बुकिंग कराने के लिए पुलिस की सहायता मांगते हैं।

रेलवे पुलिस हेल्पलाइन नंबर 1512 की शुरूआत 2015 में की गयी थी । इसका मकसद ट्रेनों में यात्रियों को आने वाली दिक्कतों की शिकायत अथवा रेलवे स्टेशनों या ट्रेनों में होने वाले अपराध के बारे में पुलिस को शिकायत दर्ज कराने में मदद करना था।

पुलिस उपायुक्त (रेलवे) दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि रेलवे पुलिस का यह हेल्पलाइन नंबर देशव्यापी है लेकिन अधिकतर समय इसे पुलिस सहायता नंबर की तरह इस्तेमाल करने की बजाए लोग इसका उपयोग रेलवे पूछताछ के लिए करते हैं। पुलिस ने बताया कि वास्तव में लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि इस हेल्पलाइन नंबर का मुख्य उद्देश्य क्या है और यही वजह है कि वे निरर्थक आग्रह करते हैं।

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