दिल्ली की हवा हुई और भी बदतर, नोएडा गाजियाबाद गुड़गांव में भी लग सकती है जनरेटर पर रोक
भीषण प्रदूषण के चलते गैस चेंबर में तब्दील होती दिल्ली की हवा पिछले 24 घंटों में और भी बदतर हो गई है।
नई दिल्ली। भीषण प्रदूषण के चलते गैस चेंबर में तब्दील होती दिल्ली की हवा पिछले 24 घंटों में और भी बदतर हो गई है। दिल्ली में वायु की गुणवत्ता इस मौसम में पहली बार ‘बहुत खराब’ श्रेणी की हो गई है और राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर गंभीर हो गया है। उत्तर के राज्यों से आ रहा पराली के धुंए के साथ दिल्ली के बाहरी इलाकों में कूड़ा जलाए जाने से स्थिति भयावह होती जा रही है। दिल्ली में जनरेटर बंद करने जैसे उपाए अब नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुड़गांव जैसे एनसीआर के शहरों पर भी लागू हो सकता है।
हालात और खराब होने के अनुमान
वायु की गुणवत्ता खराब होने के लिये वाहनों के प्रदूषण, निर्माण गतिविधियों और मौसम संबंधी कारकों समेत कई कारकों को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के और खराब होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। इस बीच, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने बुधवार को कहा कि उपग्रह की नवीनतम तस्वीरें दिखा रही हैं कि ‘‘खतरनाक’’ स्तर पर पराली जलाई जा रही है और इसे तत्काल रोका जाना चाहिए वरना दिल्ली समेत समूचे उत्तर भारत को गंभीर स्वास्थ्य जोखिम से जूझना पड़ेगा।
जीआरएपी भी बेअसर
कुछ दिनों पहले दिल्ली में हवा की गुणवत्ता के ‘‘खराब’’ श्रेणी में पहुंचने के बाद सोमवार को ‘‘एनवायरमेंट पॉल्यूशन (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) अथॉरिटी’’ (ईपीसीए) और ‘‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’’ (जीआरएपी) लागू कर दिये गए थे। इनके तहत वायु गुणवत्ता को और बिगड़ने से रोकने के लिये कई उपाय अमल में लाए जाते हैं। ईपीसीए की सदस्य सुनीता नारायण ने कहा, ‘‘हम अधिकारियों को निर्देश देने जा रहे हैं कि वे दिल्ली के मुख्य स्थानों पर सख्त उपायों को लागू करें। हमारे पास वजीरपुर और द्वारका में भी कचरा जलाए जाने के साक्ष्य हैं और यह एक दूसरा मुद्दा है जो हम अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे।’’
दिल्ली में बुधवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स
क्षेत्र | एयर क्वालिटी इंडेक्स |
आनंद विहार | 358 |
द्वारका सेक्टर 8 | 376 |
आईटीओ | 295 |
जहांगीरपुरी | 333 |
रोहिणी | 330 |
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक
पूरे एनसीआर में लागू हो सकती है सख्ती
ईपीसीए के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में जेनरेटर सेटों पर पाबंदी, पार्किंग शुल्क बढ़ाने और आने वाले दिनों में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को और मजबूत करने जैसे उपायों पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने बेहद खराब वायु गुणवत्ता के लिये कदम उठा लिये हैं लेकिन और सख्त उपायों पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।’’
स्थिति ‘गंभीर’ होने पर बंद होगी ट्रकों की आवाजाही
अधिकारी ने कहा कि हवा के और खराब होकर ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में जाने पर ट्रकों के प्रवेश को रोकने और निर्माण गतिविधियों को बंद करने जैसे उपायों को अमल में लाया जाएगा। वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान और शोध प्रणाली की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का संपूर्ण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 315 रिकॉर्ड किया गया।
ये है पैमाना
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 और 100 के बीच इसे ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’ माना जाता है, 201 और 300 के बीच इसे ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘काफी खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।