नई दिल्ली: एक किसान की कथित आत्महत्या को लेकर दिल्ली सरकार से टकराव तेज करते हुए दिल्ली पुलिस ने उस पर मृतक के पोस्टमार्टम में देरी करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है और यह भी इल्जाम लगाया कि आप कार्यकर्ताओं ने किसान को इस अतिवादी कदम के लिए उकसाया था।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि 22 अप्रैल को जंतर मंतर पर रैली में जब 41 वर्षीय किसान गजेंद्र सिंह पेड़ पर चढ़ा तब भीड़ ताली बजा रही थी और खुश हो रही थी।
पुलिस ने कहा कि चाणक्यपुरी के एडीएम किसान का अंत्य परीक्षण में देरी चाहते थे लेकिन ऐसा करने के लिए वह कोई सरकारी आदेश नहीं पेश कर पाए तथा पुलिस इस दिशा में आगे बढ़ गयी। हालांकि इस आरोप का जिलाधिकारी (नयी दिल्ली) संजय कुमार ने खंडन किया है जो मामले की मजिस्ट्रेट जांच कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘हम पोस्टमार्टम में देरी क्यों करना चाहेंगे? दरअसल जब हम अस्पताल पहुंचे तब पुलिस ने हमारे प्राधिकार को मान्यता देने से इनकार कर दिया। उन्होंने हमें किसान का नाम भी नहीं बताया। मैं नहीं जानता कि वे यह क्यों कह रहे हैं।’ पुलिस ने 23 अप्रैल को राजनाथ सिंह को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसके आधार पर उन्होंने संसद में इस मुद्दे पर बयान भी दिया था।
दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने आज इस मामले को कमतर करने का प्रयास किया और कहा कि यह प्राथमिक रिपोर्ट है और उसकी सामग्री आज प्रासंगिक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘जब भी कोई बड़ी घटना हेाती है तो हम गृहमंत्री को प्राथमिक रिपोर्ट देते हैं। जैसा कि नाम से पता चल जाता है कि यह प्रारंभिक रिपोर्ट है, अतएव उस रिपोर्ट में क्या था क्या नहीं, आज प्रासंगिक नहीं है।
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