नई दिल्ली: 26 जनवरी को दिल्ली में जो हुआ वो गणतंत्र के 72 साल के इतिहास में कभी नहीं हुआ। देश की शान के प्रतीक लाल किले पर दंगाइयों ने जो हिंसा और तोड़फोड़ की वो लोकतंत्र का अपमान है। दंगे के बाद उन किसान नेताओं पर सबसे ज्यादा सवाल उठ रहे हैं जिन्होंने किसानों का मजमा लगाया था। कल तक ये किसान नेता अपने भाषण में किसानों को लाल किले और इंडिया गेट तक जाने के लिए भड़का रहे थे और आज खुद को दंगे, हिंसा से अलग कर रहे हैं और पल्ला झाड़ रहे हैं। लेकिन पुलिस ने किसान नेताओं पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसके अलावा दर्शन पाल, योगेंद्र यादव, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल और बूटा सिंह बुर्जगिल के खिलाफ भी FIR हुई है। पुलिस ने दंगा केस में जोगिंदर सिंह उग्राहां के खिलाफ भी केस दर्ज किया है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर दंगा करने वाले 200 लोगों को हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा पुलिस ने 22 एफआईआर भी दर्ज की हैं। कल हुए दंगों में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को चोटें आईं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार दंगों में 300 पुलिस जवान घायल हुए हैं। इस बीच दिल्ली में आज सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। लालकिला को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वहीं आईटीओ में बस और बैरिकेड लगाकर रास्ता ब्लॉक किया गया है। वहीं सिंघु बॉर्डर भी कड़ा पहरा है।
गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस अब हुड़दंगियो की पहचान में जुट गई है। दिल्ली पुलिस के विभिन्न थानों में अब तक इस संबंध में 22 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। कल देर रात ही पूर्वी दिल्ली में पांच, जफगढ़, हरिदास नगर, उत्तम नगर में एक-एक एफआईआर दर्ज हो चुकी थी। वहीं आईटीओ पर हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने आईपी स्टेट थाने में एक एफआईआर दर्ज की है।
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