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Lockdown: दिल्ली पुलिस ने प्रवासी कामगारों को आनंद विहार बस अड्डे नहीं पहुंचने दिया

दिल्ली पुलिस ने रविवार को प्रवासी कामगारों को आनंद विहार बस अड्डे नहीं पहुंचने दिया। पुलिस ने बस अड्डे से पहले ही बैरिकेड लगाकर रास्ता रोक दिया और किसी को भी आगे नहीं बढ़ने दिया।

<p>A group of migrants carry their belongings as they walk...- India TV Hindi A group of migrants carry their belongings as they walk to their villages, amid a nationwide lockdown in the wake of coronavirus pandemic, near Delhi-UP Border in New Delhi

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने रविवार को प्रवासी कामगारों को आनंद विहार बस अड्डे नहीं पहुंचने दिया। पुलिस ने बस अड्डे से पहले ही बैरिकेड लगाकर रास्ता रोक दिया और किसी को भी आगे नहीं बढ़ने दिया। इससे एक दिन पहले हजारों प्रवासी कामगार अपने गांव वापस जाने के लिए दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित आनंद विहार बस अड्डे पहुंच गए थे। फल बेच कर अपना गुजर-बसर करने वाले जोगिंदर सिंह ने बताया, “हम सुबह यहां आए और इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि पुलिस हमें आगे जाने दे, लेकिन ऐसा लगता है कि वे हमें अनुमति नहीं देंगे।”

वह अपने परिवार के साथ सुबह आनंद विहार बस अड्डे पहुंचे ताकि उन्हें अपने गृहनगर मुरादाबाद जाने के लिए बस पकड़ सकें। सिंह ने कहा, “जो आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, वे उसे पीट रहे हैं। मैं यहां अपनी पत्नी और 11 साल के बेटे के साथ आया हूं। हम नहीं चाहते कि पुलिस हमें पीटे। अब हमारे पास सिर्फ एक ही विकल्प है कि हम विश्वास नगर इलाके में स्थित अपने घर वापस चले जाएं।”

कई लोग उत्तर प्रदेश में अपने गृहनगर जाने के लिए आनंद विहार में रेल की पटरियों पर चलने की कोशिश करते हुए भी देखे गए। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) घोषित होने के बाद, सभी तरह की कारोबारी और आर्थिक गतिविधियां थम गई हैं। इस वजह से प्रवासी कामगारों के पास कोई काम नहीं है। उनमें से अधिकतर लोग रोज़ कमा के अपना गुजर बसर करते हैं। बिना काम के उनके लिए घर का किराया देना, खाने-पीने की चीजें खरीदना, बहुत मुश्किल हो जाएगा।

सिंह ने कहा, “अगर पुलिस सीमाएं खोल दे, तो हम उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद तक पैदल चल सकते हैं जो यहां से करीब 100 किलोमीटर दूर है। इस बंद के कारण मेरा काम प्रभावित हुआ है। पिछले एक हफ्ते से मेरे पास कोई काम नहीं है। मैं फल बेचता हूं, जिसके लिए मुझे गाजीपुर मंडी जाना होता है, लेकिन पुलिस हमें वहां नहीं जाने दे रही है।”

शनिवार को दिल्ली, हरियाणा और यहां तक कि पंजाब के हजारों दिहाड़ी मजदूर आनंद विहार, गाजीपुर और गाजियाबाद के लाल कुआं क्षेत्रों में पहुंच गए। वे अपने-अपने गृह नगरों के लिए बसें पकड़ना चाहते थे। पुलिस के मुताबिक, 10-15 हजार लोग शनिवार को आनंद विहार में जमा हो गए थे। करीब 60-70 बसें जितने यात्रियों को ले जा सकती थीं, उतनों को ले गईं। आधी रात तक करीब 500 और बसों को प्रवासी कामगारों को ले जाने के लिए दिल्ली पहुंचना था। रविवार सुबह तक इलाके से सभी लोगों को हटा दिया गया और दिल्ली पुलिस किसी को भी आनंद विहार बस अड्डे जाने की इजाजत नहीं दे रही थी। पुलिस ने बस अड्डे से करीब 500 मीटर की दूरी पर बैरिकेड लगा दिए और बस अड्डा परिसर में प्रवेश करने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया है।

बुटिक में काम करने वाले मोहम्मद अनवार (30) कहते हैं कि वह बिहार के सीतामढ़ी से दो हफ्ते पहले ही दिल्ली आए थे और उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि हालात यह हो जाएंगे। अनवार ने कहा, “मैं यहां दिल्ली में अकेला हूं। मेरे माता-पिता सीतामढ़ी में रहते हैं। पुलिस हमें बस पकड़ने नहीं दे रही है। मेरी तबीयत ठीक नहीं है और मैं सीतामढ़ी पैदल नहीं जा सकता। मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है सिवाए इसके कि मैं पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर इलाके में अपने कमरे में वापस जाऊं।” दिल्ली से सीतामढ़ी की दूरी 950 किलोमीटर दूर है। देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर रविवार को 979 हो गई है। इस घातक बीमारी से मरने वालों की संख्या 25 हो गई है।

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