नई दिल्ली: दिल्ली में बारिश भले ही जमकर न हुई हो लेकिन फिर भी उस पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। दिल्ली के कई नीचले इलाकों में यमुना का पानी भर गया है तो कई इलाकों में पानी भरने की आशंका है। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने निचले इलाके को पूरी तरह से खाली करवा लिया है।
पानी छोड़े जाने और यमुनानगर कैचमेंट एरिया में लगातार हो रही बारिश के कारण दिल्ली में बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है। यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और अगर ये इसी तरह बढ़ता रहा तो अब से कुछ ही समय में ये इस साल के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा।
हरियाणा के हिथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद से यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बाढ़ के खतरे के मद्देनजर सरकार ने दिल्ली-एनसीआर के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी है। इसके साथ ही निचले इलाकों में रहने वालों को वहां से सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है।
दिल्ली में यमुना का खतरे का निशान 205.33 मीटर है जबकि इस वक्त युमना 206 मीटर से ऊपर बह रही है। कल शाम पांच बजे भी 25,590 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है। माना जा रहा है कि आज दोपहर तक युमना का जल स्तर 207 मीटर को भी पार कर सकता है।
यमुना नदी पर बने पुराने लोहे के पुल को रोड के साथ-साथ रेल यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। पुल से गुजरने वाली ट्रेनों को साहिबाबाद-नई दिल्ली और दिल्ली जंक्शन रूट पर डायवर्ट कर दिया गया है। बाढ़ का पानी यमुना किनारे बने निगम बोध घाट तक भी पहुंच गया है जिससे अंतिम संस्कार करने में दिक्कतें आ रही हैं।
बाढ़ के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। यमुना के किनारे रहने वाले बीस हज़ार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। इनके रहने के लिए दिल्ली सरकार ने बीस हज़ार से ज्यादा टेंट्स का इंतजाम किया है। बता दें कि अब हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से करीब 9 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है जिससे यमुना का जल स्तर बढ़ता जा रहा है।
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