नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने करप्शन और कामचोरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 108 अफसरों और कर्मचारियों को गुरुवार को जबरन रिटायर कर दिया। रिटायर किए गए कर्मचारी और अफसर दिल्ली सरकार, DDA और MCD में तैनात थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैजल ने दिल्ली सरकार, MCD और DDA के इन कर्मचारियों और अधिकारियों को रूल 56 (j) के तहत नौकरी से जबरन रिटायर किया। आपको बता दें कि यह डेटा 31 अक्टूबर तक का है और दफ्तरों में कामकाजी माहौल बनाने के लिए आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रह सकती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 4 जुलाई को भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करने करने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल से इस पर चर्चा की थी। इसके बाद बैजल ने समीक्षा समिति बनाने पर मंजूरी दे दी थी और विभागों ने अपने-अपने स्तर पर समीक्षा कमेटी बनाई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली विकास प्राधिकरण के 14, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के 39, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 15, पश्चिमी दिल्ली नगर निगम के 7, सेवा विभाग के 14 और परिवहन विभाग के 5 कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।
इसके अलावा दिल्ली राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम के एक, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक, बिजली विभाग के एक और दिल्ली जल बोर्ड के सात तथा दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के 4 अधिकारीयों को केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम के तहत रिटायर किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उपराज्यपाल कार्यालय का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी ताकि सरकारी दफ्तरों में कामकाजी माहौल बन सके। बताया जा रहा है कि रिटायर किए गए कर्मचारी भ्रष्टाचार में दागी या काम में लापरवाही करने वालों के रूप में चिन्हित किए गए थे।
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