नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में अवैध निर्माण से क्षुब्ध दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्थानीय अधिकारियों को सुझाव दिया कि मध्य दिल्ली में 108 फुट ऊंचे हनुमान प्रतिमा को ‘‘हवाई मार्ग’’ से हटाने पर विचार करें ताकि इसके आसपास अतिक्रमण हटाया जा सके। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
पीठ ने कहा कि अमेरिका में गगनचुंबी वस्तुओं का पूरी तरह स्थानांतरण किया गया है। एनजीओ ने महानगर के करोल बाग इलाके से अवैध निर्माणों और अतिक्रमणों को हटाने की मांग की है। इसने कहा, ‘‘विचार कीजिए कि क्या प्रतिमा को हवाई मार्ग से हटाया जा सकता है। एलजी से बात कीजिए। आपको पता है अमेरिका में सभी गगनचुंबी वस्तुओं को स्थानांतरित किया गया है।’’
अदालत ने कहा कि नगर निकाय ‘‘अगर एक स्थान पर भी दिखाएं कि कानून लागू किया जा रहा है, तो दिल्ली के लोगों की मानसिकता बदल जाएगी।’’ अदालत ने कहा कि नगर निगमों को कानून लागू करने के लिए काफी अवसर दिए गए ‘‘लेकिन कोई भी ऐसा नहीं करना चाहता।’’ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 24 नवम्बर तय की।
बता दें कि हनुमान मूर्ति के आसपास अतिक्रमण हटाने का मुद्दा तब सामने आया, जब सिविक एजेंसियों ने अदालत से संबंधित इलाके के एक थाने से जुड़े आदेश में संशोधन की मांग की। 15 नवंबर तक अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन हाईकोर्ट ने इसमें बदलाव करते हुए सुनवाई की अगली तारीफ 24 नवंबर तय की है। अदालत ने कहा कि नगर निगमों को कानून लागू करने के लिए काफी अवसर दिए गए ‘‘लेकिन कोई भी ऐसा नहीं करना चाहता।’’
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