नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार प्रवासी भारतीय शिक्षकों का एक सम्मेलन आयोजित करेगी और उनसे दिल्ली के शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने और राजधानी को 'ज्ञान का केंद्र' बनाने में सहायता लेगी। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख यहां ओखला में 'इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी' (आईआईआईटी) के दिल्ली परिसर के दूसरे चरण के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
आईआईआईटी दिल्ली के शिक्षकों और छात्रों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वे दिल्ली के कम से कम एक शिक्षण संस्थान को दुनिया के बेहतरीन विश्वविद्यालयों या महाविद्यालयों में शामिल होते देखना चाहते हैं।
इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सभी विश्वविद्यालयों और आईआईआईटी दिल्ली को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में शामिल होने की चुनौती देते हुए कहा कि इसके लिए दिल्ली सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने छात्रों को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार दिल्ली में उच्च शिक्षण संस्थानों की क्षमता बढ़ाएगी जिससे यहां के ज्यादा से ज्यादा छात्र इनमें प्रवेश ले सकें।
उन्होंने कहा, "दिल्ली में उच्च शिक्षण संस्थानों की कमी है। प्रतिवर्ष लगभग 2.5 छात्र 12वीं उत्तीर्ण करते हैं और हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों की क्षमता मात्र 1.25 लाख छात्रों की है। यह क्षमता बहुत कम है जिसमें टापर तक असहाय महसूस करते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है और हम इसका समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं।"
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