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Hindi News भारत राष्ट्रीय 83 विदेशी जमातियों के खिलाफ चार्जशीट आज, तबलीगी जमात की मरकज में शामिल हुए थे 20 देश के नागरिक

83 विदेशी जमातियों के खिलाफ चार्जशीट आज, तबलीगी जमात की मरकज में शामिल हुए थे 20 देश के नागरिक

दिल्ली क्राइम ब्रांच आज तबलीगी जमात के मरकज में आए 83 विदेशी जमातियों के खिलाफ पहली चार्जशीट दाखिल करेगी। साकेत कोर्ट में ये चार्जशीट दाखिल होगी। इनमें 20 देशों के नागरिक हैं। इस बीच क्राइम ब्रांच ने तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद कांधलवी के 5 करीबियों के पासपोर्ट जब्त कर लिए है।

Delhi crime branch to file chargesheet against 83 foreign Tablighi Jamaat members today- India TV Hindi Image Source : PTI Delhi crime branch to file chargesheet against 83 foreign Tablighi Jamaat members today

नई दिल्ली: दिल्ली क्राइम ब्रांच आज तबलीगी जमात के मरकज में आए 83 विदेशी जमातियों के खिलाफ पहली चार्जशीट दाखिल करेगी। साकेत कोर्ट में ये चार्जशीट दाखिल होगी। इनमें 20 देशों के नागरिक हैं। इस बीच क्राइम ब्रांच ने तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद कांधलवी के 5 करीबियों के पासपोर्ट जब्त कर लिए है।

क्राइम ब्रांच के सूत्रों की माने तो ये पांचों मौलाना साद के बेहद करीबी है। मरकज़ से जुड़ा कोई भी फैसला हो मौलाना साद इनको उसमे जरूर शामिल करता था। इन पांचों के नाम मुफ़्ती शहजाद, जिशान, मुरसलीन सैफ़ी, मोहम्मद सलमान और यूनुस है। इन सभी के नाम एफआईआर में भी शामिल है।

जांच एजेंसियां संदेहास्पद विदेशी और घरेलू लोगों द्वारा तबलीगी जमात के बैक खातों में भारी संख्या में फंड ट्रांसफर करने के साक्ष्य उजागर कर चुकी हैं, जिसमें कुछ लोगों ने सावधानीपूर्वक इसे छुपाने की कोशिश की और इस भारी वित्तपोषण ने भारत में इस इस्लामिक मिशनरी को गुप्त रूप से पांव पसारने में मदद की।

जांच एजेंसियों को पता चला है किनकम से कम 14 खिलाड़ियों, जिनमें से कुछ विदेशों में है, ने जो घुमावदार रास्तों के जरिए हुए लेनदेन को छिपाने के लिए नियमित रूप से वित्तीय प्रणाली का उपयोग किया।

गौरतलब है कि देश में लॉकडाउन घोषित होने के समय दिल्ली के निजामुद्दीन स्थिति तबलीगी जमात के मरकज में सैकड़ों लोग मौजूद थे और बाद में उनमें से कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए।

इन विदेशी जमातियों में बांग्लादेश, इंडोनेशिया, नेपाल, अमेरिका, ब्रिटेन, थाईलैंड, वियतनाम, आस्ट्रेलिया, किर्गिस्तान समेत अन्य दूसरे देशों के नागरिक थे तथा इनमें से कई फिलहाल जेल में बंद हैं। 

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