नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार कथित रक्षा सौदागर सुशेन मोहन गुप्ता को शनिवार को जमानत दे दी। विशेष न्यायधीश अरविंद कुमार ने पांच लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम की दो जमानत राशियों पर उसे जमानत दी।
अदालत ने आरोपी पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने और अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने समेत कई शर्तें लगाई हैं। गुप्ता के लिये पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि आरोपी ने जांच में हमेशा सहयोग दिया और जब भी जरूरत होगी वह जांच एजेंसी के लिये उपलब्ध रहेगा क्योंकि भारत में उसकी गहरी जड़े हैं।
ईडी के विशेष सरकारी अभियोजकों डी पी सिंह और एन के मट्टा ने जमानत अर्जी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जांच शुरुआती चरण में है और अगर आरोपी को राहत दी गई तो वह न्याय से भाग सकता है और जांच में बाधा डाल सकता है। एजेंसी ने 22 मई को गुप्ता के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था। गुप्ता को ईडी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है।
एजेंसी की अधिवक्ता संवेदना वर्मा ने कहा कि हेलीकॉप्टर घोटाले और अन्य कई रक्षा सौदों में गुप्ता की भूमिका के सबूत हैं। ईडी के अनुसार, मामले में गुप्ता की भूमिका राजीव सक्सेना द्वारा किए गए खुलासे के आधार पर सामने आई, जो संयुक्त अरब अमीरात से निर्वासित किये जाने और एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मामले में सरकारी गवाह बन गया था। संदेह है कि गुप्ता के पास अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए 3,600 करोड़ रुपये के सौदे का भुगतान विवरण है।
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