दिल्ली ने रेलवे से ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेनों के लिए आग्रह किया: रेलवे बोर्ड अध्यक्ष
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली और आंध्र प्रदेश की सरकारों ने अस्पतालों में चिकित्सीय ऑक्सीजन की भारी कमी के बीच कोविड रोगियों की जान बचाने के लिए भारतीय रेलवे से ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेन चलाने का आग्रह किया है।
नयी दिल्ली।
नयी दिल्ली। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि अस्पतालों में प्राणवायु की भारी कमी के बीच कोविड रोगियों की जान बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने भारतीय रेलवे से ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेन सेवा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। यह आग्रह दिल्ली सहित देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी एवं भयावह लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बुलाई गई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के कुछ मिनट बाद किया गया। बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने केंद्र से राष्ट्रीय राजधानी को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की अपील की।
शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद दिल्ली ने भी ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेन सेवा मांगी है। उन्होंने कहा कि ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेनों के प्रत्येक टैंकर में लगभग 16 टन चिकित्सीय ऑक्सीजन ले जाई जा सकती है और ये ट्रेन 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। शर्मा ने कहा, ‘‘हमें बिलकुल अभी दिल्ली सरकार से आग्रह मिला है और हम अभी इसके आवागमन की योजना बना रहे हैं। हमें राउरकेला से ऑक्सीजन मिलने की संभावना है। हमने दिल्ली सरकार से अपने ट्रक तैयार रखने को कहा है, और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हमारे वैगन, रैंप तैयार हैं।’’
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश ने ओडिशा के अंगुल से ऑक्सीजन लाने को कहा है।’’ शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश जा रही ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेन शनिवार को लखनऊ पहुंचेगी। रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि प्राणवायु लेकर महाराष्ट्र जा रही ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ शुक्रवार रात नागपुर पहुंचेगी और फिर नासिक जाएगी जहां से ऑक्सीजन विभिन्न शहरों के लिए वितरित की जाएगी। इस तरह की पहली ट्रेन 19 अप्रैल को सेवा में आई थी जब ऑक्सीजन भरने सात ट्रक मुंबई से विशाखापत्तनम रवाना हुए थे। इन ट्रकों को ट्रेन में लादकर इनके गंतव्यों तक भेजा गया था।
यह पूछे जाने पर कि ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेनों को अपने गंतव्यों तक पहुंचने में इतना लंबा समय क्यों लग रहा है, शर्मा ने कहा कि यह ट्रेनों द्वारा ले जाई जा रही संवेदनशील सामग्री की वजह से है। ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ के लिए रेलवे ने परिवहन दर और भार आवश्यकताएं जारी की हैं। नियम 15 अक्टूबर तक वैध हैं। रेलवे इसके अलावा कोई अतिरिक्त शुल्क वसूल नहीं करेगा और माल-उतारने-चढ़ाने के लिए पांच घंटे की नि:शुल्क सेवा देगा।
माल एवं सेवा कर वसूल किया जाएगा। चालक सहित दो लोग ट्रक में (द्वितीय श्रेणी के टिकट के साथ) सवार हो सकते हैं। ट्रेन के जरिए ऑक्सीजन परिवहन के बारे में एक अधिकारी ने कहा कि लंबी दूरी से ट्रेनों के माध्यम से ऑक्सीजन जल्दी पहुंचाई जा सकती है क्योंकि ट्रेन एक दिन में 24 घंटे चल सकती है, जबकि ट्रकों को बीच में रुकने की आवश्यकता पड़ती है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा कई जगह सड़कों पर पुलों की ऊंचाई संबंधी प्रतिबंध भी परिवहन में दिक्कत खड़ी करते हैं, इसलिए ट्रेनों की मदद लेने को उपयुक्त माना गया। भारत में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में 3,32,730 मामले सामने आए और इसके साथ ही देश में अब तक महामारी की चपेट में आए लोगों की कुल संख्या 1,62,63,695 हो गई है। देश में महामारी से 2,263 और लोगों के दम तोड़ देने से मृतकों की संख्या 1,86,920 हो गई है।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट के लिए रेल चलाने का आनुरोध के बाद 19 अप्रैल को पहली एलएमओ एक्सप्रेस मुंबई और विशाखापट्टनम के बीच चलाई गई। इसके बाद 22 अप्रैल को लखनऊ से बोकारो दूसरी एलएमओ एक्सप्रेस ट्रेन चलाई गई। आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली को भी मेडिकल ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट के लिए ट्रेन उपलब्ध कराई गई हैं।