कोरोना की लड़ाई में रेलवे एक बार फिर सरकार की सबसे बड़ी मददगार बनकर सामने आ रही है। रेलवे ने कोरोना के इलाज के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अपने डिब्बों को आईसोलेशन कोच में परिवर्तित किया है। अब राज्यों से डिमांड के आधार पर इन डिब्बों को संबंंधित राज्यों तक पहुंचाया जा रहा है। रेलवे से प्राप्त जानकारी के अनुसार तेलंगाना और दिल्ली ने रेलवे से करीब 70 डिब्बों की मांग की है। बता दें कि इससे पहले रेलवे देश भर से श्रमिकों को लाने ले जाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था कर चुकी है। इसमें रेलवे ने करीब 50 लाख से ज्यादा मजदूरों को उनके घर तक पहुचाया है।
भारतीय रेलवे की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार रेलवे को तेलंगाना सरकार की ओर से मॉडिफाइड आइसोलेशन कोच की मांग आई है। तेलंगाना सरकार ने 60 मॉडिफाइड आइसोलेशन कोच रेलवे से मांगे हैं। ये कोच सिकंदराबाद, काचिगुडा, आदिलाबाद में तैनात किए जाएंगे। इसके साथ ही दिल्ली की ओर से भी मॉडिफाइड आइसोलेश कोच की मांग आई है। दिल्ली सरकार ने ऐसे 10 कोच मांगे हैं।
रेलवे तैयार कर रही है 20000 कोच
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय रेलवे 20,000 कोचों को आइसोलेशन कोच में बदलने जा रही है। इस संबंध में सशस्त्र सेना, चिकित्सा सेवा, विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे के चिकित्सा विभाग, आयुष्मान भारत, स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार के साथ सलाह ली है। रेलवे द्वारा तैयार किए जाने वाले 20,000 कोचों से आइसोलेशन के लिए 3.2 लाख बेड की जरूरत पूरी हो सकती है। 5 हजार कोचों पर काम पहले ही शुरू हो चुका है जिन्हें प्रारंभिक तौर पर क्वारंटाइन/आइसोलेशन में बदला जा सकता है। इन 5 हजार कोचों की क्षमता 80 हजार बेड की है। एक कोच में आइसोलेशन के लिए 16 बेड होने की संभावना है।
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