नयी दिल्ली: दिल्ली में वायु गुणवत्ता शनिवार को बहुत खराब श्रेणी की दर्ज की गई। वहीं, तामपान में कमी और प्रतिकूल मौसमी दशाओं से हवा में प्रदूषकों का बिखराव मंद पड़ने के चलते यह गंभीर स्तर के कगार पर बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता प्रणाली एवं मौसम पूर्वानुमान (सफर) के आंकड़ों से यह जाहिर होता है कि दिल्ली में संपूर्ण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) क्रमश: 389 और 369 दर्ज किया गया। यह दोनों आंकड़े बहुत खरा श्रेणी में आते हैं। वायु गुणवत्ता शनिवार सुबह कुछ देर के लिए गंभीर श्रेणी मे चली गई लेकिन यह दोपहर तक बहुत खराब श्रेणी में वापस आ गई।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले 10 दिनों से बहुत खराब और गंभीर श्रेणियों के बीच बनी हुई है। सीपीसीबी आंकड़ों के मुताबिक 15 इलाकों में प्रदूषण का स्तर गंभीर दर्ज किया गया जबकि 21 इलाकों में वायु गुणवत्ता बहुत खराब दर्ज की गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के तहत आने वाले गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता गंभीर, जबकि फरीदाबाद, गुडगांव और नोएडा में बहुत खराब दर्ज की गई।
सीपीसीबी के मुताबिक दिल्ली में हवा में मौजूद 2. 5 माइक्रोमीटर से कम व्यास वाले कण (पीएम 2. 5) 234 , जबकि पीएम 10 का स्तर 380 दर्ज किया गया। दिल्ली में साल का सबसे अधिक प्रदूषण पिछले रविवार को दर्ज किया गया। यह एक्यूआई 450 रहा। सफर के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हो सकता है क्योंकि दिन में पवनों की गति अपेक्षाकृत अधिक है लेकिन प्रतिकूल मौसमी दशाओं के चलते कल रविवार को इसके बदतर होने का पूर्वानुमान है। वायु गुणवत्ता सूचकांक अगले तीन दिनों तक 360 से 380 के बीच ऊपर-नीचे होते रहेगा।
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