दिल्ली में हवा की गुणवत्ता गंभीर, पेट्रोल और डीजल गाड़ियां हो सकती हैं बैन
गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में हवा की गुणवत्ता गंभीर रही जबकि गुड़गांव में स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिला है। वहां पर गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गयी।
नयी दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण स्तर बढ़ने के कारण हवा की गुणवत्ता सोमवार शाम को फिर से गंभीर हो गयी। हालात ऐसे ही बने रहे तो दिल्ली-एनसीआर में पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों के चलने पर कुछ समय तक रोक लगाई जा सकती है। इसमें टू-वीलर भी शामिल होंगे। प्रदूषण रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त ईपीसीए के चेयरमैन भूरे लाल ने सोमवार को कहा कि अब हमारे पास कोई रास्ता नहीं बचा है, इसलिए इतने सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं। ऐसे में दिल्ली में सिर्फ सीएनजी वाले वाहन ही चल पाएंगे।
वहीं दूसरी ओर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एक कार्यबल ने केवल सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक ही शहर में भारी वाहनों के प्रवेश और निर्माण कार्य की गतिविधि चलाने की सिफारिश की है। ईपीसीए ने केवल उन वाहनों को शहर में प्रवेश की इजाजत दी है जो दिल्ली की सीमा पर फंसे हैं। शहर के बाहर एक हजार से ज्यादा ट्रकों के फंसे होने की स्थिति को देखते हुए यह इजाजत दी गयी है। साथ ही कहा गया है कि 12 नवंबर को रात ग्यारह बजे से 13 नवंबर को सुबह सात बजे तक उन्हें टोल या पर्यावरण हर्जाना राशि (ईसीसी) चुकाने से भी छूट होगी।
हालांकि, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने कहा है कि हवा की खराब होती गुणवत्ता के कारण शहर में नये ट्रकों के प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। भारी वाहनों के प्रवेश पर आठ नवंबर से 11 नवंबर तक रोक लगायी गयी थी लेकिन सीपीसीबी के कार्यबल ने इसे एक दिन के लिए बढ़ा दिया था। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता सोमवार की शाम फिर से गंभीर श्रेणी में पहुंच गयी है। हवा की कम रफ्तार आदि प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों से प्रदूषण स्तर बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 407 दर्ज किया गया जो ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में आता है। सोमवार को दिल्ली की हवा में अतिसूक्ष्म कणों - पीएम 2.5 का स्तर 262 दर्ज किया गया जबकि पीएम 10 का स्तर 460 दर्ज किया गया। सीपीसीबी के मुताबिक, दिल्ली के 19 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘‘गंभीर’’ दर्ज की गई जबकि 17 स्थानों पर यह ‘‘बेहद खराब’’ श्रेणी में रही।
गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में हवा की गुणवत्ता गंभीर रही जबकि गुड़गांव में स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिला है। वहां पर गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गयी। वायु गुणवत्ता सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को ‘‘अच्छा’’, 51 से 100 तक ‘‘संतोषजनक’’, 101 से 200 तक ‘‘सामान्य’’, 201 से 300 के स्तर को ‘‘खराब’’, 301 से 400 के स्तर को ‘‘बहुत खराब’’ और 401 से 500 के स्तर को ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में रखा जाता है। बहरहाल, सीपीसीबी नेतृत्व वाले कार्यबल ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में भारी वाहनों और निर्माण गतिविधि की इजाजत सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक के लिए ही होगी।