नई दिल्ली: दिल्ली के लोगों को आने वाले दिनों में प्रदूषण और हवा की खराब क्वॉलिटी से राहत मिलती नहीं दिख रही है। धुंध की मोटी चादर छाई रहने से सोमवार को भी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 348 दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी दर्शाता है। शहर में अलग-अलग जगहों पर बनाए गए 29 निगरानी केंद्रों ने हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्शाई जबकि 4 केंद्रों ने हवा की गुणवत्ता ‘अत्यंत गंभीर’ श्रेणी की बताई।
आगे और बिगड़ सकते हैं हालात
AQI का स्तर 0 से 50 के बीच ‘अच्छा’ माना जाता है। 51 से 100 के बीच यह ‘संतोषजनक’ स्तर पर होता है और 101 से 200 के बीच इसे ‘मध्यम’ श्रेणी में रखा जाता है। हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘अत्यंत गंभीर’ स्तर पर माना जाता है। अधिकारियों की दलील है कि निर्माण कार्य, वाहनों से होने वाले प्रदूषण, पंजाब एवं हरियाणा में खेतों में पराली जलाए जाने जैसे कारकों की वजह से दिल्ली-NCR में हवा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है। राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। अधिकारियों का कहना है कि अगले महीने त्योहारों के दौरान हालात और बिगड़ सकते हैं।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए SAFAR की सलाह
केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एवं शोध प्रणाली (SAFAR) के मुताबिक, प्रदूषण ‘बहुत खराब’ श्रेणी के ऊपरी स्तर तक बढ़ सकता है, लेकिन अगले 2 दिनों तक यह ‘अत्यंत गंभीर’ श्रेणी में नहीं जाएगा। सफर ने दिल्ली के लोगों, विशेषकर ह्रदय, फेफड़ों के रोग से प्रभावित, बुजुर्गों और बच्चों, के लिए लंबे समय तक अधिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों में नहीं ठहरने की सलाह दी है। सफर ने लोगों को लंबे समय के बजाय थोड़ी देर तक खुली हवा में टहलने, घर की खिड़कियों को बंद रखने के अलावा बाहर निकलने पर मास्क पहनने की सलाह दी है।
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