नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर की हवा में सांस लेना एक बार फिर दुभर हो गया है। राजधानी और आसपास के शहरों में बीते दो दिनों से हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। इसके अलावा प्रदूषण इतना ज्यादा है कि आंखों में जलन हो रही है। अस्पतालों में सांस से जुड़ी शिकायत वाले मरीज एक बार फिर से काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। चिंता की बात ये है कि अगले कुछ दिनों में दिल्ली में पॉल्यूशन का लेवल और ज्यादा बढ़ेगा।
मौसम विभाग का कहना है कि बढ़ते प्रदूषण की दो बड़ी वजह है। पहला तापमान का गिरना, जिसकी वजह से धूप नहीं निकल रही है और दूसरा हवा की रफ्तार कम होना, जिसकी वजह से पॉल्यूटेंट्स डिस्पर्स नहीं हो पा रहे हैं। परेशानी की बात ये है कि अगले तीन-चार दिनों तक हालात ऐसे ही बने रहेंगे।
इतना ही नहीं दिल्ली से सटे शहर फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद और नोएडा के हालत भी काफी खराब हैं। दिल्ली और आसपास के इलाकों के एयर क्वालिटी इंडेक्स लोधी रोड में 500, आनंद विहार में 545, आरके पुरम में 360, गाजियाबाद में 543 और नोएडा में 650 है।
दिल्ली में प्रदषण को लेकर एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ। सेन्ट्रल पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के जांच पड़ताल के बाद पता चला है कि पिछले पांच साल में सिर्फ 61 दिन ऐसे थे जब दिल्ली की हवा सांस लेने लायक थी। इसका मतलब ये हुआ कि पिछले 1825 दिन में सिर्फ 61 दिन ऐसे थे जब दिल्ली एनसीआर के लोगों को साफ हवा मिली।
आपको जनाकर हैरानी होगी कि 2015 में सिर्फ पांच दिन ऐसे थे जब दिल्ली की हवा सांस लेने लायक थी। 2016 में तो एक भी दिन ऐसा नहीं था जब दिल्ली की हवा सांस लेने लायक हो। इस साल अगस्त तक सिर्फ 18 दिन ऐसे थे जब दिल्ली की हवा जहरीली नहीं थी।
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