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Hindi News भारत राष्ट्रीय दिल्ली की हवा हुई और भी ‘खराब’, ये है प्रदूषण की 5 मुख्य वजह

दिल्ली की हवा हुई और भी ‘खराब’, ये है प्रदूषण की 5 मुख्य वजह

हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘अत्यंत गंभीर’ स्तर पर माना जाता है

Delhi air degrades further on Tuesday- India TV Hindi Delhi air degrades further on Tuesday

नई दिल्ली। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ स्तर से सुधरने के एक दिन बाद मंगलवार को ‘खराब’ श्रेणी में ही बना रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने पूर्वाह्न 11 बजे शहर का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 252 दर्ज किया। एक्यूआई का स्तर 0 से 50 के बीच ‘अच्छा’ माना जाता है। 51 से 100 के बीच यह ‘संतोषजनक’ स्तर पर होता है और 101 से 200 के बीच इसे ‘मध्यम’ श्रेणी में रखा जाता है। 

हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘अत्यंत गंभीर’ स्तर पर माना जाता है। राष्ट्रीय राजधानी की आबोहवा में सोमवार को सुधार के संकेत दिखाई दिये थे और यह ‘बहुत खराब’ से ‘खराब’ की श्रेणी में आ गयी थी। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में भलस्वा कूड़ा डलान स्थल में आग की वजह से निकलने वाले धुएं से यह स्तर और बिगड़ सकता है। दिल्ली की हवा को खराब करने वाली 5 मुख्य वजह इस तरह से हैं।

1. गाड़ियों का धुआं

दिल्ली की हवा को सबसे ज्यादा खराब यहां चल रही गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है, धुएं की वजह से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने खुद माना है कि दिल्ली की हवा को सबसे ज्याद खराब गाड़ियों का धुआ कर रहा है।

2. बदलपुर थर्मल पावर प्लांट

दिल्ली की हवा को खराब करने वाली एक और बड़ी वजह बदरपुर का थर्मल पावर प्लांट भी रहा है, पिछले साल नवंबर के दौरान दिल्ली में जब प्रदूषण का स्तर बहुत खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया था तो बदरपुर प्लांट को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था। हालांकि फरवरी 2018 से इसे फिर से चालू कर दिया गया है और यह फिर से दिल्ली की हवा को जहरीला करने लगा, हालांकि 15 अक्तूबर को इसे फिर से बंद कर दिया गया है।

3. लकड़ियों की जलावन

दिल्ली में अभी भी कई जगह ऐसी हैं जहां पर खाना पकाने के लिए लकड़ियों का इस्तेमाल होता है, हालांकि दिल्ली को 2012 में किरोसीन फ्री घोषित कर दिया गया है और लगभग 90 प्रतिशत परिवार खाना पकाने के लिए एलपीजी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन फिर भी कुछेक जगहों पर लकड़ियों के साथ उपलों का इस्तेमाल होता है जो प्रदूषण की वजह बन रहा है।

4. पड़ौसी राज्यों से आने वाला धुआं

दिल्ली से सटे हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान इस समय रबी फसलों की खेती कर रहे हैं और खेतों को तैयार करने के लिए वह बचे हुए कृषि अवशेषों को खेत में ही जला रहे हैं। ऐसे में वातावरण में धुएं की मात्रा बढ़ रही है और हवा की मदद से जहरीला धुआं दिल्ली पहुंच रहा है।

5. छोटी औद्योगिक इकाइयां

दिल्ली में कई जगहों पर छोटी औद्योगिक इकाइयों में ऐसे ईंधन का इस्तेमाल होता है जो हवा में भारी कण और प्रदूषण के स्तर को बढ़ाता है, इसके अलावा औद्योगिक इकाइयां जहरीली गैंसें भी छोड़ती हैं जो ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है। छोटी औद्योगिक इकाइयों की वजह से हवा में कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, क्लोरोफ्लोरो कार्बन और अमोनिया जैसी गैसें शामिल हो रही हैं।

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