चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा कोर्ट में एक वकील के पेशे के प्रति समर्पण का ऐसा मामला सामने आया है जिससे न्यायालय भी प्रभावित हुआ है। वकील ने अपने क्लाइंट को जमानत दिलाने के लिए शादी के बाद अपनी डोली रस्म लेट कर दी और कोर्ट ने पेशे के प्रति उनके इस समर्पण को देखते हुए उनकी प्रशंसा की, साथ में उनके क्लाइंट को जमानत भी दे दी। बार एंड बेंच वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक 28 अक्तूबर को चंडीगढ़ में स्थित पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की सिंगल जज बेंच ने वकील के क्लाइंट को जमानत दी।
रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ता के वकील लुपिल गुप्ता ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया कि 27 अक्तूबर को उनकी शादी हुई है और 28 अक्तूबर सुबह होने वाली डोली रस्म को मामले की सुनवाई की वजह से टाला गया है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कल रात इनकी शादी हुई और डोली रस्म को रोका गया है क्योंकि इन्हें (वकील) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही सुनवाई के लिए अपने क्लाइंट के प्रति कर्तव्य के निर्वहन के लिए अपनी बारी के इंतजार में बैठना पड़ रहा है, कोर्ट इनके लिए सुखद व्यावाहिक जीवन की कामना करता है।
हालांकि वकील के क्लाइंट को जमानत देने के लिए कोर्ट मुख्य आधार अभियोजन पक्ष की तरफ से चलान दाखिल करने में की जा रही देरी को माना, लेकिन पेशे के प्रति वकील के समर्पण की भी कोर्ट ने प्रशंसा की। नवविवाहित वकील अपने जिन क्लाइंट के लिए पेश हुए थे उनके ऊपर 17 महीने पहले मामला दर्ज किया गया था लेकिन 28 अक्तूबर 2020 तक अभियोजन पक्ष की तरफ से चलान दाखिल नहीं किया गया।
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