सियाचिन में जवानों से मिले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, आर्मी चीफ बिपिन रावत भी रहे साथ, कश्मीर का भी किया दौरा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए सियाचिन गए और फिर वहां से कश्मीर पहुंचे। दोनों ही जगह की स्थिति के बारे में सेना के अधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी।
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए सियाचिन गए और फिर वहां से कश्मीर के हालातों का जायजा लेने के लिए वहाे पहुंचे। वह सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर सियाचिन की कुमार पोस्ट पर पहुंचे थे। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने जवानों से बातचीत की और फिर प्रॉपर ब्रीफ़िंग के बाद वह बेस कैंप पर आए। यहां से वह थोइस बेस कैंप होते हुए कश्मीर के लिए निकल गए। कश्मीर में रक्षा मंत्री की ब्रीफ़िंग फिफ्टीन कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल के जे एस डिलन ने की। ब्रीफिंग में कश्मीर के हालातों के साथ-साथ वहां होने वाली हलचल के बारे में भी बताया गया।
देश के इतिहास में ये पहला मौका है जब पदभार संभालने के बाद सबसे पहले कोई रक्षा मंत्री दुनिया के सबसे ऊंचे और मुश्किल भरे रण क्षेत्र में गया हो। उनके साथ इस दौरे पर आर्मी चीफ बिपिन रावत भी हैं। वह दोनों यहां बेस कैंप में नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा फोर्टीन कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और जवानों से भी मुलाकात होनी है।
राजनाथ सिंह जिस पोस्ट पर जा रहे हैं वहां दिन में भी तापमान शुन्य से करीब 40 डिग्री कम होता है। यहां मौसम कब मौत में बदल जाए कोई नहीं जानता। सियाचिन में देश की सबसे ऊंची सरहद है और हिमालय की गोद में मौजूद सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा और सबसे खतरनाक जंग का मैदान है। इसके एक ओर पाकिस्तान है तो दूसरी तरफ चालबाज चीन है।
हिंदुस्तान के रक्षा मंत्री अपने जांबाज जवानों का हौसला आफजाई करने के लिए हिमालय की इन्हीं चोटियों के दौरे पर हैं। मोदी सरकार के शपथ ग्रहण को अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ है, लेकिन पीएम मोदी के मंत्री पूरे एक्शन में हैं तभी रक्षा मंत्री की कुर्सी पर बैठते ही राजनाथ सिंह ने सबसे पहले सियाचिन जाने का फैसला किया।
सियाचिन हिंदुस्तान के लिए सामरिक तौर पर बेहद अहम है। लिहाजा मोदी सरकार में रक्षा मंत्रालय की कमान संभालते ही राजनाथ सिंह ने सबसे पहले सियाचिन जाने का फैसला किया। देश के इतिहास में ये पहला मौका है जब पदभार संभालने के बाद कोई रक्षा मंत्री दुनिया के सबसे ऊंचे और मुश्किल रण क्षेत्र में पहुंचा है।
राजनाथ सिंह से पहले मोदी के पिछले कार्यकाल में रक्षा मंत्री रहीं निर्मला सीतारमण ने 2017 में जवानों के बीच ही दशहरा मनाया था। 2014 में तो खुद प्रधानमंत्री मोदी सियाचिन पहुंचे थे और जवानों के साथ दिवाली सेलिब्रेट की थी और अब राजनाथ सिंह सियाचिन में हैं।
बता दें कि सियाचिन किसी बर्फीले रेगिस्तान से कम नहीं है। यहां पारा मानइस 50 डिग्री तक गिर जाता है। बावजूद इसके जवान अपनी जान जोखिम में डालकर सरहद की हिफाजत में मुस्तैद रहते हैं। एक पल के लिए भी सियाचिन की निगेहबानी नहीं रोकी जाती है।