रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की पहली स्वदेश निर्मित चालकरहित मेट्रो कार का उद्घाटन किया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को देश की पहली स्वदेश निर्मित चालक रहित मेट्रो कार का यहां बीईएमएल विनिर्माण केंद्र में उद्घाटन किया।
बेंगलुरू। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को देश की पहली स्वदेश निर्मित चालक रहित मेट्रो कार का यहां बीईएमएल विनिर्माण केंद्र में उद्घाटन किया। निर्माण संयंत्र का दौरा करने वाले रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड’ (बीईएमएल) के बेंगलुरू मुख्यालय में इंजीनियरों और तकनीशियनों की टीम अच्छा काम कर रही है जिसपर उन्हें गर्व है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘वे (इंजीनियर और तकनीशियन) ‘आत्मनिर्भर भारत’ के वास्तविक योद्धा हैं, जो भारत को आगे ले जा रहे हैं।’’
हमारे PSUs की इसमें अहम भूमिका रही है- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री कार्यालय के ट्वीट के मुताबिक, रक्षा मंत्री ने इस मौके पर कहा कि अभी आप लोगों के दिन रात की परिश्रम से बने, unmanned metro का अनावरण करके मुझे बड़ी खुशी हुई। इसी के साथ एयरोस्पेस फैसिलिटी, और HM vehicle केबिन का भी उद्घाटन करना मेरे लिए बड़ा सुखद रहा है। आजादी के बाद से ही हमारे देश में जो socio-economic प्रगति हुई है, उसमें पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वह चाहे capital formation हो, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हों, या रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ावा देना हो,हमारे PSUs की इसमें अहम भूमिका रही है।
'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के लिए बड़ा उदाहरण
राजनाथ सिंह ने कहा कि जब देश-दुनिया कोविड के संकट से जूझ रही थी, तब भी हमारी PSUs, खासकर DPSUs ने वारियर्स की तरह आगे आकर इसके खिलाफ जंग की कमान संभाली। मास्क से से लेकर PPE किट तक, सैनिटाइजर सिस्टम से लेकर क्वारंटाइन फैसिलिटीज़ के निर्माण तक, में हमारी PSUs ने पूरे दमखम के साथ अपना योगदान दिया। BEML ने इस टेस्टिंग टाइम में अपनी कार्यक्षमता का जो परिचय दिया, वह आपकी मेहनत, लगन, जोश और जज्बे को दर्शाता है। मुझे बताया गया, कि यह मेट्रो 63 फीसदी स्वदेशी है, जो अगले दो-तीन साल में 75 फीसदी तक स्वदेशी हो जाएगी। यह माननीय प्रधानमंत्री द्वारा प्रेरित 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान का एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह देश के बाकी संगठनों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत है।
Driverless की जगह 'Technology driven metro' कहना ज्यादा उचित होगा
मुझे बताया गया, कि पिछले साल आपका वैल्यू ऑफ प्रोडक्शन 3000 करोड़ रुपए था। और इस साल लगता है कि आप लोग इसे भी पार कर लेंगे। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। BEML आज से नहीं, बल्कि स्वतंत्रता के समय से ही रेल कोच का निर्माण करने वाली सबसे पहली संस्था है। बाकी अनेक बड़ी संस्थाएं इसके बाद में आईं। यह देश में चल रही सभी मेट्रो की लगभग आधी हिस्सेदार है, और अपने बल पर उनका indigenisation कर रही है। जहां तक Driverless मेट्रो की बात है, मैं इसे Driverless की जगह 'Technology driven metro' कहना ज्यादा उचित समझता हूं। देखने में सुंदर, और अंतरराष्ट्रीय मानकों वाली इस मेट्रो में, मुझे बताया गया कि एनर्जी बहुत कम खपत होगी।
छह कारों वाली मेट्रो ट्रेन में 2,280 यात्रियों को ढोने की क्षमता
बीईएमएल के मुताबिक, अत्याधुनिक चालक रहित मेट्रो कार कंपनी के बेंगलुरू परिसर में बनाई जा रही है जो स्टेनलेस स्टील से बनी है और छह कारों वाली मेट्रो ट्रेन में 2,280 यात्रियों को ढोने की क्षमता है। बीईएमएल को मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) की एमआरएस1 परियोजना के लिए कुल 576 कारों के निर्माण का ऑर्डर मिला है और जनवरी 2024 तक इनकी आपूर्ति शुरू हो जाएगी। इस अवसर पर सचिव (रक्षा उत्पादन) राजकुमार, बीईएमएल लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक दीपक कुमार होता मौजूद थे। होता ने कहा, ‘‘बीईएमएल का मेट्रो निर्माण में प्रवेश करना भारत के शहरी परिवहन परिदृश्य के लिए निर्णायक क्षण है।’’ सिंह ने बेंगलुरू परिसर में ‘एयरोस्पेस असेंबली हैंगर’ का डिजिटल उद्घाटन किया और बीईएमएल द्वारा निर्मित पहले स्वदेशी टाट्रा कैबिन का भी उद्घाटन किया।