रक्षा मंत्री ने राफेल मुद्दे पर देश को गुमराह किया, इस्तीफा दें : राहुल गांधी
कांग्रेस ने गुरुवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर राफेल लड़ाकू विमानों के मामले में देश को गुमराह करने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की।
नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुरुवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर राफेल लड़ाकू विमानों के मामले में देश को गुमराह करने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस की यह टिप्पणी हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के पूर्व प्रमुख टी. सुवर्णा राजू द्वारा निर्मला सीतारमण के उन दावों को खारिज करने के बाद आई है, जिसमें निर्मला ने कहा था कि सरकारी स्वामित्व वाली एचएएल के पास लड़ाकू जेट राफेल को बनाने की क्षमता नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आरएम (राफेल मंत्री) ने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए फिर झूठ बोला और पकड़ी गईं।"
राहुल ने कहा, "एचएएल के पूर्व प्रमुख टी.एस राजू ने उनके इस झूठ की पोल खोल दी है कि एचएएल के पास राफेल बनाने की क्षमता नहीं। उनका रुख अस्वीकार्य है और इसलिए उन्हें निश्चित ही इस्तीफा देना चाहिए।" इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने राजू के राष्ट्रीय दैनिक में किए गए दावों का हवाला देते हुए रक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग को दोहराया। उन्होंने कहा कि विवादास्पद रक्षा सौदे के आसपास मोदी सरकार का बुना झूठ का जाल नष्ट हो गया है।
राजू ने न केवल एचएएल को राफेल लड़ाकू विमानों के निर्माण के लिए सक्षम बताया बल्कि यह भी दावा किया कि फ्रांस की एरोस्पेस कंपनी डसॉल्ट, सरकारी कंपनी एयरोस्पेस और एक रक्षा कंपनी के बीच साथ में काम करने के एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए और इसे सरकार को सौंपा गया। मनीष तिवारी ने कहा कि एक सितम्बर को सेवानिवृत्त हुए राजू ने मोदी सरकार द्वारा पिछले कुछ महीनों में बनाए गए मामले को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है।
उन्होंने कहा, "उन्होंने न केवल एचएएल की क्षमता की बात कही है बल्कि विवादों के केंद्र लड़ाकू जेट के फ्रांसीसी विमान निर्माता डसॉल्ट एविएशन के साथ आपसी कार्य-साझा करने के अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के बारे में भी खुलासा किया है।" तिवारी ने मीडिया से कहा, "एचएएल के पूर्व प्रमुख द्वारा तथ्यों के आधार पर दिए स्पष्ट बयान के प्रकाश में हम देश के लोगों को गुमराह करने के आरोप में रक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हैं।"
उन्होंने मोदी सरकार से संबंधित सौदे के दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के राजू के आग्रह का भी समर्थन किया। प्रधानमंत्री मोदी और सीतारमण दोनों पर निशाना साधते हुए तिवारी ने 2015 में घोषित सौदे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग को दोहराया।
राफेल सौदे को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर अपना हमला जारी रखते हुए कांग्रेस ने बुधवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव महर्षि से मुलाकात की और मोदी सरकार द्वारा 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर किए गए सौदे की तत्काल विशेष जांच करने की मांग की।